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132 गांव में 3 माह से सिर्फ लड़के जन्म ले रहे हैं |

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एक तरफ हम चांद पर पहुंचने वाले हैं ऐसा करने वाले हम चौथे देश है वहीं दूसरी तरफ हम अपनी सोच की वजह से नीचे गिरते जा रहे हैं |

चंद्रयान को लीड करने वाली महिलाएं थीं और वो एक ऐसा उपग्रह बनाती है जो हम आप से बहुत दूर चाँद पर जाता है और हम अपने आप को विश्व में दिखते है कि हम किसी से कम नहीं वहीं दूसरी ओर हम उन्ही महिलाओं को जन्म देने से भी कतराते है आज भी हम में से कई लोग लड़कियों को बोझ समझते है और उन को जन्म नहीं देना चाहते, पर लड़की बार-बार ये देखती रहती है कि वो भी किसी से कम नहीं हर एक जगह अपने नाम का डंका बाजवा देती है जैसे हिमा दास ने किया |

5 बार गोल्ड मेडल जीतती है और ये बता देती है कि लड़किया वो सब कर सकती है जो लड़के भी शायद ना कर पाए अब ऐसी लड़कियों को एक मिशाल के रूप में समाज के उन लोगो को दिखाना चाहिए जिन को लड़की बोझ लगती हो |

उत्तर काशी के 132 गांव में 216 बच्चो ने जन्म लिया जिसमें से एक भी बच्ची नहीं हैं ये चमत्कार कैसे हो गया क्या भगवान लड़की नहीं बना रहे है ऐसा हो ही नहीं सकता कि कितने गांव में एक भी लड़की नहीं हुई होगी वो अलग बात है एक को भी लोग होने नहीं दिए होंगे अपनी उसी पुरानी सोच की वजह से कि लड़की पैदा होके क्या करेगी |

उत्तर काशी के 6 ब्लाक के 132 गांव में पिछले 3 माह के आंकड़े आये है, स्वस्थ विभाग के आंकड़े सामने आने के बाद सरकार की कई योजनाओं पर सवाल उठाता है “बेटी बचाओ बेटी पढओ” का नारा लगा लगा कर बेटियों कि चिंता करने वाले बेटियों को बचाने तक में सक्षम नहीं है,

ब्लाक                गांव                    जन्म 

डुंडा                    27                      49

भटवारी               27                      51

नौगांव                 28                      45

मोरी                   20                      29

चिन्यालिसौड       16                      23

पुरोंला                 14                      17

इन सभी गांव में सभी के सभी लड़के जन्म लेते है ऐसा क्यों ये सोचने के लिए तो विशेषज्ञ की जरूरत नहीं हम आप बढ़ी आसानी से समझ सकते है कि इन बच्चियों को अपनी पुरानी सोच की वजह से मार दिया गया है, इन आंकड़ों के बाद आशा कार्यकर्त्ताओं की विशेष बैठक बुलाई गई वजह जानने के लिए |

उत्तराखंड के मुख्य मंत्री तिर्वेड सिह रावत  ने जाँच  के आदेश दिए है और कहा है कि अब से लिंग अनुपात पर सरकार की विशेष नजर रहेगी |

अभी तक क्यों नहीं थी ये कोई पूछने वाला नहीं अभी तक क्या आप सो रहे थे ऐसे सवाल कोन पूछ सकता है शायद अब कोई नहीं |

हम और आप इतना जरूर कर सकते है की अपने आस पास के उन लोगों को समझा सकते हैं की लड़कियां बाप के सर का बोझ नहीं बल्कि लड़कियां भी लड़कों की तरफ बाप के कंधे से कन्धा मिला के चल सकती हैं |

अगर आप भी हमरी तरह सोचते हैं की लड़कियां क]लड़को से काम नहीं होती तो हमारे इस पोस्ट को जरूर शेयर करें, धन्यवाद् !

वीडियो देखें :-

Brijendra Kumar

Founder and Chief Editor

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