महरूम शायर Nida Fazli, जो हो एक बार हो, हर बार हो ऐसा मुमकिन नहीं

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Nida Fazli

Nida Fazli: प्यार हमेशा एक से हो ऐसा भी नहीं हर कश्ती का अपना एक तजुर्बा होता है दरिया के
सफ़र में  हर रोज़ ही मंजधार  से सामना हो ऐसा नहीं होता 

कहानी में किरदार चाहे कुछ भी बना लो, वो हक़ीक़त में कहानी-कार हो ऐसा नहीं होता खुश रहने के मौके ढूंढो,
उदास होने के तो बहुत मिलेंगे,
जीने के ढंग सीखो तुम जीवन में
नए रंग मिलेंगे।
दिल  के हारे हार है दिल के हारे जीत

मन के काबू में करने से ही इस जग में
मिलेगी जीत।
सागर सी होती है…और पढ़ें

सिखाया पाठ जो, शहादत का हम सबको
कारगिल पर बिखरे लहू को दिखाया सबको,   
पग पग पर बिखेरे फूलों जैसे बारुदो से
कुर्बानी देकर आजाद करवाया हमको||

धागे से बंधी, एक डोरी हम देशवासी,
रंग अनेक, रूप अनेक होते हम वासी…और पढ़ें

महरूम शायर Nida Fazli

क्यों समझते है,
लड़की है पराया धन
लड़का है अपना धन
जबकि दोनों लेते है
एक कोख से जन्म।

दोनों की जन्म में
मां को होती हैं
एक सी पीड़ा
दोनों ही जन्म के बाद
करते है एक सी क्रीड़ा।…और पढ़ें

Nida Fazli

पूरे दिन भर की रफ्तार से भरी जिंदगी आगे आने वाले सपनों मे उलझाती  तो है,
पर इक मेरी माँ की रोटी ही ऐसी जो  मेरी भूख मिटाती है।

ये दुनिया,के लोग ,ये बातों की बातें, ये रिश्ते,  और ये नाते, सब  बड़े मतलबी से लगते हैं,
कुछ बन सको तो अपने जैसा बनो वरना दूसरे के किरदार अजनबी से लगते हैं।
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हलचल दिलों की बढ़ती गई
जितनी खुशियां थीं जब वो बिखरती गईं

सोचा था कोरोना महामारी के दौरान  कुछ पारिवारिक प्रसंग प्रगाढ़ होंगे रिश्तों में दरार खत्म होंगे
समय की दिशा  अपनी रुख बदलेगी और हम सब एक दूसरे के बेहद करीब होंगे

माना शिकायत नहीं है मुझे रब से वो…और पढ़ें

Nida Fazli

खुश हो  तुम गर तो रब का शुक्राना करता हूं
इसी ख्याल के साथ तुम्हें अपने ख्यालातों से भी आजाद करता हूं

वो जो तुम्हारा हसीन अक्स आ जाता था मेरी निगाहों की दुनिया में
रब को शुक्रिया कर उसको भी बेसाज करता हूं
कुछ इस तरह मैं तुम्हें आजा…और पढ़ें

ऐसा क्या हुआ की 8 बच्चो ने अपनी मां को छोड़ दिया आज रोटी रोटी की मोहताज

बाघ दिवस के मौके पर आइये जानते हैं कि बाघ के परिवार में बिल्ली से लेकर कौन कौन जीव शामिल हैं

मैं रोया परदेस में भीगा मां का प्यार…

तुझको खुद ही में पाने लगा हूं पाके तुझको खुद से दूर जाने लगा हूं तू बिछड़ा तो यह एहसास हुआ मुझको
तुझसे दूर होकर तेरे करीब आने लगा हूं
मिलो कभी फुर्सत में बिना जुस्तजू के बैठेंगे साथ में मगर बात कुछ ना होगी
बस साथ में तेरे रहूंगा और तू साथ मेरे होगी

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