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Ants Can Detect Scent Of Cancer: अब चींटियाँ करेंगी कैंसर का पता, महंगे टेस्ट करने की नहीं जरूरत!

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Ants Can Detect Scent Of Cancer: कैंसर पर एक हालिया रिसर्च में चौंकाने वाला दावा किया गया है। एक नए रिसर्च से पता चला है कि चींटियाँ मानव यूरिन और पसीने में मौजूद वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड नामक रसायनों को सूंघकर कैंसर का पता लगा सकती हैं।

बड़े टेस्ट की नहीं आवश्यकता 

Ants Can Detect Scent Of Cancer

कैंसर से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। इलाज में एक दिन की देरी मरीज को मौत के करीब ले आती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में मौजूद कैंसर ट्यूमर से वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड नामक रसायन निकलता है। यह यूरिन या पसीने के साथ हमारे शरीर से बाहर निकलता है। एक ताजा स्टडी में दावा किया गया है कि चींटियां इस रसायन को सूंघकर कैसर का पता लगा सकती हैं। अब किसी भी बड़े टेस्ट से पहले कैंसर का पता लगाया जा सकेगा।

महत्वपूर्ण बायोमार्कर है रिसर्च

Ants Can Detect Scent Of Cancer

दरअसल यह अध्ययन यूरोप और दक्षिण एशिया में पाई जाने वाली फॉर्मिका फ्यूस्का चींटियों (Ants Can Detect Scent Of Cancer) पर किया गया था। यह  रिसर्च अब एक महत्वपूर्ण बायोमार्कर माना जाता है। कहा जा रहा है कि अब बिना ज्यादा खर्च और शरीर को दर्द पहुंचाए कैंसर का पता लगाया जा सकेगा।

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चौंकाने वाले नए रिसर्च (Ants Can Detect Scent Of Cancer)

रिसर्च से पता चला है कि लंबे समय से  कुत्तों को कैंसर का पता लगाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। अक्सर इस घातक बीमारी की पहचान लास्ट स्टेज में पहुंचने के बाद की जा सकती है। इस बीच, विशेषज्ञ शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता लगाने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च ने अपनी नई स्टडी में दावा किया था कि चींटियां कैंसर का पता लगाने में कुत्तों से ज्यादा सफल हो सकती हैं। यह रिसर्च स्टडी के बारे सीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी में आर्टिकल पब्लिश हुआ था।

कैंसर कोशिकाओं की पहचान करती हैं चींटियाँ

Ants Can Detect Scent Of Cancer

एक स्टडी में विशेषज्ञों का दावा है कि मानव स्तन कैंसर कोशिकाओं को लिया गया और चूहों में ट्रान्सप्लांट किया गया। फिर इसे बढ़ने दिया गया। इस तकनीक को ज़ेनोग्राफिंग कहा जाता है। फिर इन चूहों के स्वस्थ यूरिन के नमूनों को चींटियों के सामने रखा गया। तब चींटियों ने तुरंत कैंसर कोशिकाओं को पहचान लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले भी चींटियों का कैंसर के लिए परीक्षण किया जा चुका है। दावा किया गया था कि चींटियों में पाया जाने वाला एक रसायन कैंसर की दवाओं की प्रभावशीलता को भी काफी बढ़ा सकता है।

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