13 साल की सारा फ़ातिमा को है गम्भीर बीमारी,परिजनों ने CM YOGI से लगाई गुहार; जानिए क्या जवाब मिला

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CM YOGI: जनता दर्शन में उत्तर प्रदेश के CM YOGI आदित्यनाथ के सामने देवरिया के एक मुस्लिम दम्पत्ति अपनी छोटी सी बच्ची लेकर पहुंचे । 13 साल की बच्ची जिसका नाम सारा फातिमा है वह एक गम्भीर बीमारी से ग्रस्त है जिसके इलाज के लिए डॉक्टरों ने 10 करोड़ का खर्च बताया है । मुस्लिम दम्पत्ति ने CM YOGI आदित्यनाथ से मिलने के बाद मदद की गुहार लगाई है । वहीं जनता दर्शन में पहुंचे मुस्लिम दम्पत्ति को सीएम ने मदद का आश्वासन दिया है ।

बच्ची को है SMA टाइप-2 की बीमारी

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देवरिया के अबू बकर मोहल्ले के रहने वाले दम्पत्ति अबुजर लारी और सोफाना लारी की 13 वर्षीय बेटी सारा फातिमा एक दुर्लभ गम्भीर बीमारी से पीड़ित हैं । दम्पत्ति बताते हैं कि सारा जब 8 महीने की थी तभी से उसे SMA (स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी) की टाइप-2 बीमारी हो गयी थी जिसके बाद से वह उठ बैठ नहीं पाती । दम्पत्ति ने नन्ही सारा को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ,एम्स, कोलकाता और बेंगलुरु में दिखाया ।

दम्पत्ति के अनुसार सभी डॉक्टरों ने सारा को SMA टाइप-2 नामक बीमारी बताई थी जिसका उस समय इलाज नहीं था । बता दें कि 13 साल की सारा फातिमा एक कान्वेंट स्कूल में कक्षा 5 की छात्रा है । वह स्कूल नहीं जा पाती और घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई करती है । सारा पढ़ने में काफी तेज है । गम्भीर बीमारी के चलते सारा न तो अपने आप उठ सकती है न ही बैठ सकती है। वहीं बच्ची को सांस लेने में भी दिक्कत होती है जिसके लिए हर रात उसे बाई पैप मशीन लगाई जाती है ।

डॉक्टरों ने बताया है 10 करोड़ का खर्च

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साल 2021 में इस गम्भीर बीमारी के इलाज की खोज हुई थी जिसके बाद सारा के परिजनों को भी उम्मीद जगी कि शायद अब उनकी बेटी अपने आप चल फिर सकेगी । वहीं जब इस दुर्लभ बीमारी के इलाज के खर्च की उन्हें जानकारी हुई तो वह गमगीन हो गए । बता दें कि सारा के परिजन उसका ईलाज अभी बेंगलुरु के बेपटिस्ट हॉस्पिटल में करवा रहे हैं ।

यहां के डॉक्टर एएएन अग्निस मैथ्यू ने बच्ची के इलाज का खर्च 10 करोड़ बताया है । इस बीमारी के इलाज में प्रयुक्त होने वाले इंजेक्शन स्विट्जरलैंड और अमेरिका से आएंगे । वहीं एक फुटवियर(जूते चप्पलों की दुकान) चलाने वाले पिता अबुजर लारी के लिए 10 करोड़ रुपये जुटाना उनके बस की बात नहीं है ।

CM YOGI से लगाई इलाज के लिए गुहार

वहीं हर जगह से थक हार कर देवरिया के अबुजर लारी और सोफिया लारी CM YOGI आदित्यनाथ के जनता दर्शन कार्यक्रम में पहुंचे । यहां CM YOGI से मिलकर उन्होंने बच्ची जे इलाज की गुहार लगाई । वहीं CM YOGI ने दम्पत्ति को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है ।

सारा के पिता अबुजर लारी ने बताया कि हमने सारा के इलाज के लिए महाराज जी (योगी जी) से मुलाकात की है । उन्होंने हमसे कहा है कि वह जितना हो सकेगा उतना मदद करेंगे साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि बच्ची के इलाज में जो दवाएं लगेंगी उन्हें टैक्स फ्री करेंगे । इसके अलावा सीएम योगी ने केंद्र से भी मदद दिलाने का आश्वासन दिया है । अबुजर ने बताया कि सीएम योगी से मुलाकात के बाद एक उम्मीद जगी है कि सारा ठीक हो जाएगी ।

पीड़ित बच्ची ने ये कहा

वहीं SMA टाइप 2 बीमारी से ग्रस्त सारा फातिमा ने कहा कि मैं सीएम अंकल से मिली और उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा । उन्होंने बहुत अच्छे से बात की और मुझे चॉकलेट भी दी । सारा ने बताया कि सीएम अंकल ने कहा है कि वह इलाज में मदद करेंगे और दवा में लगने वाले टैक्स को भी माफ करेंगे । सोफ़िया सेकेंडरी स्कूल में क्लास 5 th में पढ़ने वाली सारा फातिमा का कहना है कि वह बड़ी होकर देश के लिए बहुत कुछ करना चाहती है और अपने जैसे बच्चों की मदद भी करना चाहती है ।

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उसने कहा कि वह नई नई टेक्नोलॉजी डेवलप करना चाहती है । उसने बताया कि वह पढ़ाई के अलावा कम्प्यूटर भी सीख रही है और फॉरेन लैंग्वेज भी सीख रही है । वहीं पिता अबुजर लारी ने बताया कि सारा जब 8 महीने की थी तब सर गंगाराम अस्पताल में उसका डायग्नोस हुआ था जिसमें उसे SMA टाइप-2 बीमारी बताई गई थी । तब इस बीमारी का कोई इलाज नहीं था । तब बताया गया था कि आने वाले 10-12 सालों में इसका ईलाज आने की संभावना है ।

क्या होती है SMA टाइप -2 बीमारी

SMA यानी स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी एक तंत्रिका पेशी रोग है जो तंत्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करता है । यह सबसे अधिक शिशुओं और छोटे बच्चों को प्रभावित करती है । इस बीमारी के शिकार बच्चे अपनी मांसपेशियों का उपयोग नहीं कर पाते क्योंकि यह दुर्लभ बीमारी उनकी रीढ़ की हड्डी में नर्व सेल्स को नुकसान पहुंचाती है जिस वजह से मस्तिष्क उन सेल्स को सन्देश नहीं भेज पाता ।

इस बीमारी में बच्चों की मांसपेशियां कमजोर और सिकुड़ जाती हैं जिससे बच्चा न तो अपने आप उठ बैठ पाता है न ही बिना सहारे के चल फिर पाता है । इसके अलावा बच्चों को निगलने और सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है । वहीं SMA टाइप-2 सामान्यतः 6 -18 महीने के बच्चों में पाया जाता है । इस बीमारी में बच्चे के हाथ और पैर अधिक प्रभावित होते हैं ।

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