Categories: News

GST: जीएसटी(GST) टैक्स स्लैब में होगा बदलाव

GST

GST: करीब 5 साल बाद पहली बार जीएसटी के स्लैब में बदलाव का अनुमान है इस बदलाव में जीएसटी के नए स्लैब्स बनाए जाने की उम्मीद है लेकिन राहत की बात यह है कि जहा कुछ प्रोडक्ट्स पर सादा जीएसटी लगेगा वही कुछ आइटम्स पर जीएसटी का बोझ कम करने की तैयारी भी की गई है।

क्या है वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) यानी GST

GST

वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है। इसके लागू होने से केन्द्र सरकार एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली लागू की गयी है। इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया गया था।

भारत में कब हुआ था GST लागू

GST

30 जून 2017 की मध्यरात्रि में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स (जीएसटी) पर भाषण में बताया।

वस्तु एवं सेवा कर, वस्तु एवं सेवा कर परिषद के द्वारा संचालित किया जाता है। इसके अध्यक्ष भारत के वित्त मंत्री होते हैं। जीएसटी के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को निम्न प्रकार की दरों पर लगाया जाता है, 0%, 5%, 12%, 18% और,28% (5 TYPES) । मोटे कीमती और अर्ध कीमती पत्थरों पर 0.25% की एक विशेष दर तथा सोने पर 3% की दर है।

5 फीसदी वाले टैक्स स्लैब को खत्म करने की तैयारी

जीएसटी काउंसिल अगले महीने अपनी बैठक में 5 फ़ीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म कर सकती है इस स्लैब को हटाकर ज्यादा खपत करने वाले प्रोडक्ट को तीन परसेंट के दायरे में लाया जा सकता है वहीं बाकी को 8 फ़ीसदी के नए स्लिप में डाला जा सकता है।

GST

क्या चाहती है सरकार

दरअसल टैक्स स्लैब्स में बदलाव करके सरकार राज्यों के रेवेन्यू में बढ़ोतरी करना चाहती है ऐसा करने से राज्यो को कंपनसेशन करने के लिए, केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा।

क्या हो सकते है परिणाम

GST

हालांकि टैक्स बढ़ने से महंगाई बढ़ने का खतरा है जिससे पहले से परेशान आम जनता पर ज्यादा बोझ पड़ेगा इसलिए कई तरह की चर्चा और नफा नुकसान के आकलन के बाद ज्यादा खपत वाले आइटम्स को इस बढ़ोतरी से दूर रखने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही उम्मीद है कि इस तरह के सामानों पर टैक्स को मौजूद 5 फ़ीसदी से घटाकर 3 परसेंट किया जाएगा। रेवेन्यू बढ़ाने के लिए जीएसटी काउंसिल जिन बदलाव पर विचार कर रही है उसके तहत जिन गैर ब्रांडेड उत्पादों पर  फिलहाल जीएसटी नहीं लगता है उनसे कुछ नॉन फूड आइटम्स को तीन फीसदी स्लैब में लाया जा सकता है। अब आने वाले समय में देखना होगा कि इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

कैसे होंगे बदलाव

GST

5 फ़ीसदी की स्लैब को खत्म करके इसे 7 से 8 और फिर 9 परसेंट किया जा सकता है 5 फ़ीसदी स्लैब में हर एक परसेंट की बढ़ोतरी से सालाना 50,000 करोड रुपए का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा।

गाना गा कर पैसे माँगने वाले ये बाबा-दादी के गले में सरस्वती विराजमान है गुरु रंधावा कर चुके है तारीफ

सुप्रीम कोर्ट ने कल तक अतिक्रमण हटाने पर लगाई रोक, जानिए सारे बड़े अपडेट्स

जीएसटी काउंसिल की क्या है तैयारियां

फिलहाल जीएसटी काउंसिल कई विकल्पों पर विचार कर रही है लेकिन माना जा रहा है कि ज्यादातर सामानों पर 8% जीएसटी पर सहमति बनने की उम्मीद है फिलहाल इन प्रोडक्ट्स पर जीएसटी रेट 5 फ़ीसदी है अनुमान है कि मंत्रियों का समूह अगले महीने की शुरुआत में अपनी सिफारिशें दे सकता है अब अगले महीने की शुरुवात में इसकी तस्वीर ज्यादा साफ होगी और ज्यादा पता चल पाएगा की इसको लेकर कितने बदलाव देखने को मिलते है जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक मई के मध्य में हो सकती है उसके बाद ही कई सामानों पर जीएसटी रेट में बदलाव हो सकता है।

CHANDRA PRAKASH YADAV

Why So Serious??

Recent Posts