इस पोस्ट में
ECI: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया है कि चुनाव आयोग ईडी, सीबीआई और आईटी के दुरुपयोग पर लगाम लगा सकता है. उन्होंने बताया कि जब लोकतंत्र बचेगा तभी चुनाव आयोग की गरिमा और प्रतिष्ठा भी बची और बनी रहेगी.
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान पहले ही किया जा चुका है. और सभी दल अपनी-अपनी पूरी तैयारियों में जुट गए हैं. विपक्ष की तरफ से लगातार ही आरोप लगाए जा रहे हैं सरकार ईडी, सीबीआई और आईटी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का काफी ज्यादा दुरुपयोग कर रही है. विपक्ष का यह आरोप है कि जो नेता सरकार के खिलाफ अपनी बात काफी जोर-शोर से उठाते हैं, उनके खिलाफ फर्ज़ी और झूठे मामले दर्ज कर, उन्हें जेल तक भेज दिया जाता है.
हालांकि बीजेपी का यह कहना है कि जो नेता भ्रष्टाचार में फंसे हैं सिर्फ उन पर ही कार्रवाई की जाती है. इस सब के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईडी, सीबीआई और आईटी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को एक उम्मीद की किरण बताया है.
अखिलेश यादव ने ट्विटर यानी ‘X’ द्वारा एक पोस्ट में लिखा, “E = ED, C = CBI, I = IT जिस प्रकार से ED, CBI और IT विभाग के आगे के पहले अक्षरों को मिलाकर ECI बनता है वो इस बात का सकारात्मक इशारा है कि इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया (Election Commission of India) ही उम्मीद की वो किरण है, जो कि भाजपा सरकार के द्वारा ED, CBI और IT डिपार्टमेंट के दुरुपयोग पर लगाम लगा सकता है.”
उन्होंने आगे और लिखा कि, “आज से हम 2024 के शुरुआती चुनावी महीने में प्रवेश भी कर रहे हैं. यह आशा है कि ‘चुनाव आयोग’ अपनी सांविधानिक ज़िम्मेदारी निभाते हुए बेलगाम बेईमान सरकारी तंत्र को सक्रिय नहीं होने देगा और हमेशा की तरह ही लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए ढाल भी बनेगा. जब लोकतंत्र बचेगा तब ही तो चुनाव आयोग की गरिमा और प्रतिष्ठा भी बची और बनी रहेगी.”
अखिलेश यादव ने कहा कि एक निष्पक्ष चुनाव ही चुनाव आयोग की जीत होगी. उन्होंने आगे बोला कि “चुनाव आयोग को बिल्कुल निर्भय होकर निष्पक्ष चुनाव कराने और सभी दलों को बिना किसी भी पक्षपात व भेदभाव के, चुनाव लड़ने के बराबर भी मौके देने के लिए बहुत हार्दिक शुभकामनाएं.”
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अखिलेश यादव द्वारा यह पोस्ट दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई INDIA ब्लॉक की ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ के अगले ही दिन आया है. जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे, डेरेक ओ ब्रायन, दीपांकर भट्टाचार्य जैसे बड़े नेता भी शामिल हुए थे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तार के खिलाफ इस रैली को सुनीता केजरीवाल और कल्पना मुर्मू ने भी संबोधित किया था.