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Common University Entrance Test: अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए यूजीसी(UGC) ने नया तरीका लाया है,
आने वाले नए सेशन से होने वाले एडमिशन के लिए अब कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) देना होगा।
यह एक सामान्य टेस्ट होगा जिसमे मिले अंको के आधार पर छात्रों को देश की किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिला दिया जायेगा इसमें दसवी कक्षा के नंबरों को बहुत ज्यादा महत्व नहीं दिया जायेगा
यह टेस्ट नेशनल टेस्ट एजेंसी द्वारा संचालित की जायेंगी अब छात्रों को अलग अलग सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए अलग अलग एंट्रेंस टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं होगी।
कॉमन युनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट पर आधारित होगा, जिसमे छात्रों को कंप्यूटर के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर देने होंगे
टेस्ट का सिलेबस एनसीईआरटी(NCERT) के 12वी कक्षा के सिलेबस के आस पास का रहेगा
जानिए किन भाषाओं में होगी परीक्षा
कॉमन युनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट 13 भाषाओं में होंगी छात्र अपनी सुविधानुसार कोई एक भाषा का चयन करके उस भाषा में अपना टेस्ट दे सकेंगे
हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती, बंगाली, पंजाबी, कन्नड़, ओडिया, असमिया, मलयालम, मराठी, तमिल और तेलुगु भाषाओं में टेस्ट उपलब्ध होंगे।
एप्लीकेशन भरने की प्रक्रिया अप्रैल माह के पहले ही हफ्ते में शुरू होनी है बात करे परीक्षा की तो जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू की जाएगी
यूजीसी (UGC) के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार का कहना है की इस से सभी छात्रों को बराबर मौके मिलेंगे
एक तरफ जहां cuet की फायदों की बात हो रही है वही दूसरी तरफ कुछ जानकार इसे यूनिवर्सिटी के लिए हानिकारक भी बता रहे है उनका मानना है कि इस तरह के नए नियमों से स्थापित यूनिवर्सिटीज को नुकसान होगा जैसे कुछ यूनिवर्सिटीज में पिछड़े वर्गों से आने वाले छात्रों को एडमिशन के लिए ध्यान में रखा जाता था ताकि वे पीछे न छूट जाए ऐसे में सवाल उठ रहा है की कॉमन टेस्ट के आने से इस तरह की व्यवस्था का क्या होगा
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ऐसा नहीं है उदाहरण के तौर पर अगर कुछ यूनिवर्सिटीज चाहे तो छात्रों को टेस्ट में बैठने के लिए 12वी के नंबर को आधार बना सकती है जैसे जिस छात्र के 12वी कक्षा में 60प्रतिशत अंक आए हो अगर सिर्फ उन्हें ही टेस्ट में अपीयर होने का मौका दिया जाए
Common University Entrance Test फिलहाल दिल्ली यूनिवर्सिटी जेएनयू यूनिवर्सिटी समेत 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए ये एंट्रेंस टेस्ट कंपलसरी है
UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने ये सुझाव दिया है कि प्राइवेट और स्टेट यूनिवर्सिटीज भी इस व्यवस्था को लागू करने पर विचार विमर्श करे।