Fake bank account
Fake Bank Account: कोई भी हैकर आसानी से किसी की प्राइवेट इन्फोर्मेशन चुरा सकता है और Fake bank account बना सकता है। इसके लिए नाम, पता और आईडी जरूरी है। हैकर्स हमेशा तीसरे पक्ष को निशाना बनाने के बारे में सोचते हैं। यहां से उन्हें इन्फोर्मेशन मिलती है।
डिजिटल और ऑनलाइन दुनिया में सब कुछ संभव है, यहाँ तक कि नकली बैंक खाते भी। यहां फर्जी का मतलब है कि आपके बैंक डिटेल्स पर कोई और अकाउंट चल रहा है और आपको इसके बारे में पता भी नहीं है। फिर सरकार इस मामले में सख्त हो गई है। कल आरबीआई की नीति की घोषणा के साथ ही फर्जी बैंक खाते बनाकर बैंक धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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सरकार ने इस मामले में कहा है कि ‘MuleHunter.AI’ यानी AI की मदद से अब हर बैंक में ऐसे फर्जी खातों का पता लगाया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ताकि देशभर में हो रहे बैंक फ्रॉड पर लगाम लगाई जा सके।
हालाँकि, हमें इसके प्रति जागरूक होने की भी जरूरत है। तो फिर आपके नाम और डिटेल्स से कोई बैंक अकाउंट तो नहीं चल रहा है और ये हम खुद ही जान सकते हैं। अगर आप नहीं जानते तो कोई जालसाज़ आपके खाते से कभी भी पैसे निकाल कर उसे खाली कर देगा और आपको पता भी नहीं चलेगा।
Fake bank account के उपयोग से अपराधियों द्वारा अवैध रूप से मनी लोडिंग के लिए किया जाता है। इन एकाउंट्स को ओपरेट करके फोड्स लोगों से धोखाधड़ी करते हैं और उनमें पैसे जमा कराते हैं। इन खातों से ट्रांसफर अमाउंट को ट्रैक करना और ट्रेस करना मुश्किल है।
Fake Bank Account का इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों से Earned Money को ठिकाने लगाने के लिए किया जाता है। इसके लिए शातिर अपराधी यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, जिसके जरिए वे बिना बैंक गए मिनटों में एक खाते से दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं।
यहां पता लगाएं कि आपके नाम पर कोई फेक बैंक अकाउंट चल रहा है या नहीं। सबसे पहले यहां आपको माय आधार पर क्लिक करना होगा और आधार सर्विसेज पर क्लिक करना होगा। फिर आपको चेक आधार/बैंक लिंकिंग स्टेटस पर क्लिक करना होगा। जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा।
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इसके बाद नए पेज पर आपको 12 अंकों का आधार नंबर या वर्चुअल आईडी दर्ज करना होगा। इसके साथ ही आपको कैप्चा कोड भी भरना होगा। जिसके बाद सेंड ओटीपी विकल्प पर क्लिक करने पर आपको ओटीपी तभी मिलेगा जब आपका नंबर आधार के साथ रजिस्टर्ड हो।
ओटीपी प्राप्त होने के बाद आपको इसे भरना होगा और आपके सामने यह जानकारी आ जाएगी कि आपके आधार से कितने और कौन से बैंक खाते जुड़े हुए हैं। इस तरह, यदि आपका नंबर एक या दो खाते दिखाता है जिनके बारे में आप जानते हैं, तो चिंता न करें। लेकिन अगर कोई आपकी जानकारी के बिना भी अकाउंट दिखा रहा है तो तुरंत बैंक से काॅन्टेक करें।