World Ozone Day 2021: क्यों मनाया जाता है विश्व ओजोन दिवस, कैसी हुई थी ओजोन डे मनाने की शुरुआत?

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प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को इंटरनेशनल ओजोन डे मनाया जाता है। लोगों को ओजोन लेयर के प्रति जागरूक करना ओजोन दिवस का मुख्य उद्देश्य है। इससे ओजोन लेयर को नष्ट होने से बचाया जा सके व पर्यावरण को भी बचाया जा सके। ओजोन लेयर अणुओं की एक परत है। जो कि 20 से 40 किमी के बीच में वायुमंडल में पाई जाती है। ओजोन परत को काफी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है क्योंकि इसका कारण पर्यावरण को प्रदूषण से होने वाले नुकसान है। ऐसी में वर्ल्ड ओजोन डे ओजोन परत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पिछले दो दशक से वैज्ञानिकों के द्वारा ओजोन परत की रक्षा के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर ओजोन परत को बचाने के लिए 16 सितंबर 2021 को जागरूकता अभियान के साथ वैज्ञानिक नए रास्ते व नुकसान के बारे में बताएंगे।

कैसी हुई थी ओजोन डे मनाने की शुरुआत?

साल 1970 के अंत में वैज्ञानिकों ने ओजोन परत में छेद होने का दावा किया था। इसके बाद से ही 80 के दशक में पूरे विश्व की कई सरकारों ने इस समस्या को लेकर चिंतन करना शुरू कर दिया। ओजोन की रक्षा के लिए वर्ष 1985 में वियना कन्वेंशन को अपनाया। इसके बाद से ही 19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 दिसंबर की डेट को अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस मनाने का फैसला किया। पहला वर्ल्ड ओजोन डे सन् 1995 को मनाया गया।

ओजोन परत क्या होती है?

ओजोन परत का सुरक्षा कवच है। जो सूर्य से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रावायलट किरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है। इस परत के न होने की वजह से पर रहने वाले लोगों को कई तरह की त्वचा संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि वैज्ञानिक इस लेयर को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है। वैसे भी इस परत के बिना पृथ्वी पर जीवन मुमकिन नहीं होगा।

विश्व ओजोन दिवस 2021 की थीम

इस बार विश्व ओजोन दिवस 2021 की थीम “माॅन्ट्रियल प्रोटोकोल – हमें हमारे भोजन और टीको को ठंडा रखना” है। इस साल के अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस पर प्रकाश डाला गया है। बहुत कुछ माॅन्ट्रियल प्रोटोकोल करता है। जैसे कि जलवा परिवर्तन को धीमा करना तथा ठंडी क्षेत्र में ऊर्जा की दक्षता को बढ़ावा देने में मदद करना, जो कि खाद सुरक्षा में योगदान देता है। 197 देशों के द्वारा इस साल की थीम को मंजूरी दी गई है।

रोचक तथ्य ओजोन परत के बारे में

– ओजोन लेयर तेज बदबूदार नीले रंग की गैस है.
– ओजोन लेयर धरती से 12 से 20 मील ऊपर है.
– वर्ष 1985 में अंटार्कटका के ऊपर ओजोन परत में छेद के बारे में पता चला था। चूंकि सीएफसी केमिकल पर बैन लगाने से इसे ठीक कर लिया गया था.
– ओजोन की खोज सन 18 सो 40 में क्रिस्चियन फ्रेड्रिच स्कोनबे ने की थी।
– अंटार्कटिका में जिस होटल को खोजा गया वह 29 मिलियन वर्ग किमी से अधिक था। जो रूस व कनाडा के संयुक्त रूप से बड़ा था।

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