सरकार ने छोटी दीपावली की रात डीजल – पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी को ₹5 घटा दिया है । इससे जनता को अचंभा हुआ कि लगातार बढ़ रहे डीजल पेट्रोल के दामों को सरकार ने घटा दिया है।
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आम जनता महंगाई की मार से त्रस्त है लेकिन पेट्रोल की एक्ससाइज ड्यूटी में ₹5 और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में से ₹10 घटा दिए हैं। इसमें जानते हैं कि सरकार का उद्देश्य जनता को राहत दिलाना है या फिर है कोई राजनैतिक एजेंडा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस एक्साइज ड्यूटी को ₹5 कम करने को एतिहासिक कटौती बताया है। सरकार द्वारा क्रमशः पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी के ₹5 और ₹10 कम करके खुद की पीठ थपथपाना एक राजनैतिक एजेंडा उन्होंने ऐसा करेगी करके जनता को कोई भी राहत नहीं दी है क्योंकि पिछले महीने यानी अक्टूबर में पेट्रोल के दाम ₹8 बढ़े हैं और इसके बाद पेट्रोल के दाम ₹5 हटाकर केवल जनता को मूर्ख बनाना है और काफी हद तक सरकार जनता को मूर्ख बनाने में कामयाब भी है ।
सरकार पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी को ₹5 घटा देती है तो इसे ऐतिहासिक कटौती कहेंगे लेकिन यदि सरकार पेट्रोल के दामों को पिछले महीने अक्टूबर में ₹8 महंगा कर देती है तो इसे सरकार ऐतिहासिक बढ़ोतरी नहीं कहेगी और वैसे भी बढ़ोतरी तो दूर की बात है किसी नेता ने यह भी नहीं स्वीकारा कि महंगाई है। 1 जनवरी 2021 से अब तक सरकार ने पेट्रोल के दामों में लगभग ₹23 से अधिक बढ़ोत्तरी की है। पिछले महीने अक्टूबर में पेट्रोल के दाम ₹8 और महंगा कर दिया है। लेकिन 32.09 से घटाकर 27. 90 कर दी गई एक्साइज ड्यूटी तो यह ऐतिहासिक कटौती हो गई।
देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 110.04 रु थी जो घटकर 105.04 हो गई। पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी 32.90 घटकर से 27.90 प्रति लीटर हो गई। दिल्ली में डीजल की एक्साइज ड्यूटी 98.42 रुपए से घटकर 88.42 रुपए हो गई। दिल्ली में डीजल की एक्साइज ड्यूटी 31.80 थी जो घटकर 21.80 हो गई। जनता ने सोशल मीडिया पर कहा कि सरकार को हिमाचल के नतीजों से ठंडक मिल गई है इसलिए एक्साइज ड्यूटी घटा कर दी है। बता दें कि हाल ही में बीजेपी सरकार को हिमाचल राजस्थान से हार का सामना करना पड़ा है। जनता कह रही है कि महंगाई के मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार सत्ता में आई थी अब महंगाई के मुद्दे पर ही चली जाएगी।