मिड डे मील योजना 1962 में भारत की आजादी के बाद औपचारिक रूप से तमिलनाडु में लागू की गई थी बाद में यह 1995 में पूरे देश में शुरू की गई। मिड डे मील के भोजन द्वारा कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रयास किए जाते हैं लेकिन जिन रसोइयों के ऊपर इतनी बड़ी जिम्मेदारी है कि वह है देश के भविष्य बच्चों को पोषण युक्त भोजन बनाएं उन्हें खुद परेशान होकर दर-दर भटकना पड़ रहा है
बिहार के मिड डे मिल में 35 बच्चो में बन रहा सिर्फ़े 15 बच्चो का खाना
8 महीने से नहीं मिल रही यूपी के प्राइमरी स्कूलों के मिड डे मील रसोइयों की वेतन