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वर्ष 1992 में महाराष्ट्र पुलिस ने एक विशेष दल बनाया जिसमें स्थानीय जनजाति समूह के 60 लोगों को शामिल किया गया। यह दल C- 60 कहलाया। स्थानीय जनजाति समूह के लोगों को शामिल किया गया क्योंकि यह है भाषा और संस्कृति की जानकारी के चलते गोरिल्ला लड़ाकों से लोहा ले सकते थे। 1992 के बाद यह दल धीरे-धीरे शक्तिशाली होते गए और नक्सलियों के खिलाफ इनके ऑपरेशन भी बढ़ने लगे। और महाराष्ट्र पुलिस की C – 60 यूनिट ने 26 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार दिया।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में शनिवार 13 नवंबर को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई ।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील ने नक्सल के नेता मिलिंद तेलतुम्बडे की एनकाउंटर में मारे जाने की पुष्टि कर दी है । मुठभेड़ में 26 मौतें हुई हैं। जिनमें 20 पुरुष और 6 महिलाएं हैं।
आजतक के रिपोर्टर अरविंद ओझा के अनुसार इस मुठभेड़ में नक्सलियों में भीमा कोरेगांव का आरोपी मिलिंद तेलतुम्बड़े भी मारा गया है। इस नक्सली नेता के सिर पर 5000000 का नाम था। अधिकारियों ने कहा है कि जो शनिवार 9 नवंबर को मुठभेड़ में नक्सली मारे गए हैं। उसमें मिलिंद तेलतुम्बड़े के साथ चार बड़े नक्सली भी मारे गए हैं। NIA के अनुसार तेलतुम्बड़े भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी बन गया था। वह एक इनामी नक्सली था। मिलिंद तेलतुम्बड़े के कई नाम थे । वह दीपक, प्रवीण ,अरुण और सुधीर के नाम से भी जाना जाता था।