Indian Air Force: देश में एक पिता और एक बेटी की जोड़ी ने आसमान में एक अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है। इसके साथ ही साथ दोनों का नाम Indian Air force के इतिहास में दर्ज हो गया है। असल में एयर कमोडोर संजय शर्मा एवं फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा ने एक साथ फाइटर जेट उड़ाया था।
इसके बाद से पिता और बेटी की यह जोड़ी Indian Air Force की पहली पिता और बेटी की जोड़ी बन गई। जिसने एक साथ फाइटर जेट उड़ाया है। 30 मई 2022 को एयर कमोडोर संजय शर्मा और फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा एक साथ फाइटर जेट उड़ाया था। जिसके बाद से इस जोड़ी के नाम ये उपलब्धि दर्ज की गई है। असल; में Indian Air Force के इतिहास में ऐसा कोई भी उदाहरण नहीं है। जहां पर एक पिता और उसकी बेटी एक मिशन के लिए एक ही फाइटर जेट फॉर्मेशन का हिस्सा रहे हो।
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अनन्या ने बताया कि वो बचपन से ही भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहती थी क्योंकि उन्होंने अपने पिता को बचपन से ही Indian Air Force में फाइटर पायलट के रूप में देखा था। उनके लिए बचपन से घर में भारतीय वायुसेना का माहौल बना रहा। वो इसी माहौल में पली-बढ़ी जिस कारण से अनन्या ने भी कभी दूसरे किसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के बारे में कभी सोचा ही नहीं। अनन्या ने वर्ष 2016 में इंडियन एयर फोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट को देखा। जिसके बाद से उन्हें इस बात पर विश्वास हो गया कि उनका सपना पूरा होकर रहेगा।
30 मई 2022 को कमोडोर संजय शर्मा और फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा ने हॉक-132 विमान के सामान फॉर्मेशन में उड़ान भरी है। उन्होंने वायुसेना स्टेशन बीदर में ये उड़ान भरी। असल में वह सेना स्टेशन बीदर में फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा तेज और बेहतर लड़ाकू विमान में उड़ाने का प्रशिक्षण ले रही हैं।
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आपको बता दें कि फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा के नाम पर एक और रिकॉर्ड दर्ज है। वो देश की पहली महिला फाइटर जेट पायलट है। फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा ने वर्ष 2016 में भारतीय वायुसेना को ज्वाइन किया था। जिन्हें दिसंबर 2021 में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन मिला है।
हालांकि फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार में बीटेक किया है। इसके बाद से ही उन्हें भारतीय वायुसेना में प्रशिक्षण के लिए चुना गया था। वहीं पर उनके पिता एयर कमोडोर संजय शर्मा को वर्ष 1989 में एयर इंडिया फोर्स केमिस्ट्री में कमीशन किया गया था। उन्हें लड़ाकू अभियानों का व्यापक अनुभव है। एयर कमोडोर संजय शर्मा ने फ्रंटलाइन फाइटर स्टेशन के रूप में मिग-21 स्क्वाड्रन की भी कमान संभाली है।
असल में अनन्या की परवरिश पर भी भारतीय वायुसेना का बहुत प्रभाव है। पिता के हवाई सेना में होने के कारण से बड़ी होती अनन्या ने अपने पिता को भारतीय वायुसेना में एक लड़ाकू पायलट के रूप में देखा। जिसका प्रभाव उसके जीवन पर भी पड़ा। जिसके बाद वो भारतीय वायुसेना में वर्ष 2016 में शामिल हो गई। वो पहली महिला फाइटर पायलट के रूप में जानी जाती हैं।