दिल्ली में प्रदूषण तो आम बात है लेकिन दीपावली के बाद से दिल्ली में वायु प्रदूषण इस तरह बड़ा है कि आम जनता का सांस लेना मुश्किल हो गया है। एडवाइजरी जारी हुई है कि कोई अपने घर से ना निकले और घर में भी मास्क लगाकर रहे। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कह दिया है कि आपातकाल निर्णय लिया जाना चाहिए। आपातकाल निर्णय तभी लिया जाता है। जब स्थिति बद से बदतर हो जाते हैं और दिल्ली में भी कुछ ऐसा ही है क्योंकि वहां लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है।
इस पोस्ट में
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है । कहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए आपात योजना तैयार करें। और सरकार बताए कि जल्दी से जल्दी वायु गुणवत्ता 500 से कम से कम 200 तब कैसे ला सकते हैं। इसके लिए जल्दी से उपाय करें ।और किए गए उपायों को बताएं। न्यायाधीश एनवी रामना ने कहा है कि वायु प्रदूषण बहुत बुरी स्थिति है। इससे बचने के लिए घर पर भी मास्क लगाना चाहिए। और सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है कि सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्या-क्या उपाय किए हैं। बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण एक जहर से कम नहीं है। और कोरोना काल में वायु प्रदूषण आग में घी जैसा काम कर रहा है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है और दिल्ली से कुछ लोग तो अपने अपने गांव आ गए हैं। छठ त्यौहार में दिल्ली की जल प्रदूषण की भी तस्वीरें सामने आई हैं। प्रदूषित यमुना में झाग देखकर ऐसा लग रहा है मानो सुपनाखा सुंदरी के वेश में आ गई हो। यदि किसी व्यक्ति को 2 मिनट ऑक्सीजन नहीं मिलती है तो वह मर जाता है। लेकिन दिल्ली में इतना वायु प्रदूषण है कि लोगों को अपनी एक-एक सांस खींचने में समस्या आ रही है। वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संबंधित एजेंसियों GRAP के तहत इमरजेंसी श्रेणी के अनुसार इस स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं। और अब इमरजेंसी लग सकती है। दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते लोकडाउन लग सकता है।
नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 750 के पार
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक – 499 के लगभग
दिल्ली विश्वविद्यालय वायु गुणवत्ता सूचकांक- 578
मथुरा रोड वायु गुणवत्ता सूचकांक- 557
आनंद विहार वायु गुणवत्ता सूचकांक- 490
इंदिरापुरम वायु गुणवत्ता सूचकांक – 486