Banned firecrackers in India
Banned firecrackers in India सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की खुलेआम बिक्री पर नाराजगी जताई है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारे आदेश के बावजूद भी खुलेआम पटाखे बिक रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि राज्य सरकारें इस आदेश को गंभीरता से नहीं लेगीं तो कोर्ट की राज्य सरकार द्वारा इस अवज्ञा को सुप्रीम कोर्ट गंभीरता से लेगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमने ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है बाकी पटाखों पर बैन लगाया है।(Banned firecrackers in India) सुप्रीम कोर्ट ने बैन तो लगा दिया है लेकिन प्रतिवर्ष सुप्रीम कोर्ट पटाखों पर बैन लगा देती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कोई नहीं करता है। राज्य सरकार और गैर जिम्मेदार लोग उस ढीट बच्चे की तरह हैं जिनके माता-पिता कहते रहते हैं कि यह काम मत करो लेकिन वह ढीट बच्चा माता-पिता की बातों को अनसुना कर आदेशों की अवज्ञा कर वही काम करते हैं किसके लिए मना किया गया है।
प्रतिबर्ष देश की राजधानी दिल्ली में आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण का लेवल इतना अधिक हो जाता है कि पूरी व्यवस्थाएं अव्यवस्थित हो जाती हैं। लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाते, लोग ऑफिस नहीं जा पाते, बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। लेकिन कुछ पढ़े-लिखे बेवकूफ लोग और कुछ अशिक्षित लोग त्योहारों पर की गई आतिशबाजी से होने वाले नुकसान को नहीं समझते हैं या यह कह लीजिए कि समझ कर भी अनजान बनते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन लगा दिया है (Banned firecrackers in India) सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का देश की राज्य सरकारों को अच्छे से पालन करवाना चाहिए और कुछ जिम्मेदारी देश के आम जनता की भी है कि वह एक जिम्मेदार नागरिक बने और अपनी देश की हवाओं को शुद्ध करने में या प्रदूषण ना फैलाने में योगदान दें।
रावण का वध करके श्री राम भगवान, सीता माता और लक्ष्मण जी को लेकर अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने दीपावली का त्यौहार मनाया था दीप जलाए थे और खुशियां मनाई थी लेकिन पटाखे नहीं जलाए थे जिस प्रकार उस समय खुशियां मनाई थी और दीप जलाए थे उसी तरह आज भी हम वैसा ही त्यौहार मना सकते हैं लेकिन पटाखों से त्यौहार को जोड़ना तर्कसंगत नहीं है। त्योहारों में खुशियां केवल पटाखों की जरिए नहीं आते हैं खुशियां मनाने के और भी कई तरीके हैं। आम लोगों को भी यह समझना चाहिए कि वह अपनी आतिशबाजी से, उसकी रोशनी से, उसकी आवाज से थोड़े समय के लिए खुश जरूर हो सकते हैं लेकिन आपके हाथों द्वारा की गई है आतिशबाजी किसी की सांसे छीन रही होती हैं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे होते हैं और कई समस्याओं को जन्म दे रही होती है।