World Senior Citizen Day: जब वृद्धावस्था में उनके हाथ पैर कंपकंपाने लगे और जब उनकी चमड़ी में सिलवटें आने लगे। जब वो एक ही बात बार बार दोहराने लगे और जब उनकी नजरें भी कमजोर होने लगे तब अक्सर उनके अपनों ने ही उन्हें ठुकरा दिया। उन्हीं कंपकंपाते हाथों को हमेशा के लिए थामने के लिए हर साल आज के दिन 21 अगस्त को World Senior Citizen Day 2022 मनाया जाता है।
इस पोस्ट में
कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने परिवार की ढाल बनकर घर को संभालकर रखने वाले बुजुर्गों के लिए हर साल 21 अगस्त को इंटरनेशनल सीनियर सिटीजन डे (World Senior Citizen Day) मनाया जाता हैं। इसे मनाने का उद्देश्य बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को रोकना, उनकी सेहत, मान सम्मान की चिंता करना और समाज और परिवार में सीनियर सिटीजन की अहमियत लोगों को बताना है।
वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे 2022 (World Senior Citizen Day 2022) मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुईथी। साल 1988 में तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने द्वारा प्रस्ताव रखे जाने के बाद 21 अगस्त को 1988 को सबसे पहला इंटरनेशनल सीनियर सिटीजन डे मनाया गया। उस बाद 2 साल बाद 14 दिसंबर 1990 को world senior citizens day मनाने की घोषणा हुई थी।
यूएन की तरफ से की गई इस घोषणा के बाद से 1 अक्टूबर को वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया गया लेकिन बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस तारीख को बदलकर 21 अगस्त किया। तब से आज तक पूरी दुनिया में 21 अगस्त को वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे (World Senior Citizen Day 2022) मनाया जाता है।
सबसे बड़ी हैरानी की बात है कि जो हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति है उनकी ही सुरक्षा और उनके मान-सम्मान के लिए विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाने की जरूरत है। वर्तमान समय में अब कई बार बुजुर्गों को अपने ही बच्चों और परिजनों के कारण कई तरह की दिक्कतों, परेशानियों और अपमान का सामना करना पड़ता है।
भाजपा के झंडे को तिरंगा बताने वाली ये महिलाएं राष्ट्र गान ऐसे गाती हैं, सुनकर आप हंसने 🤣 लगेंगे
यूपी में फिल्मी स्टाइल में बिजनेसमैन से लूटे 6 लाख, पूरा वाकया सीसीटीवी फुटेज में हुआ कैद
अपने ही लोगों द्वारा हो रहे भेदभाव, अपमानजनक व्यवहार, उपेक्षा और अन्याय पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिन (International Senior Citizens Day 2022) खासतौर पर स्वयंसेवी संस्थाएं विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बुजुर्गों के साथ हो रहे अन्याय को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाती है।
अगर हम अपने आसपास नजर करें तो 10 में से कई दो परिवारों में बुजुर्गों की स्थिति काफी दयनीय होती है। ये सिर्फ भारत की बात नहीं है बल्कि दुनिया भर में जैसे जैसे बुजुर्गों की आबादी बढ़ती जा रही है वैसे ही उनके साथ दुर्व्यवहार के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। यह एक बड़ी ही गंभीर सामाजिक बुराई है जो मानव अधिकारों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। वरिष्ठ नागरिकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार एवं शारीरिक सामाजिक मनोवैज्ञानिक या फिर वित्तीय भी हो सकते हैं|
इसके साथ ही इसमें उपेक्षा भी शामिल है। आज बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की घटना के मामले देखे जाते हैं। वैसे लोग समाज में इस बात का स्वीकार नहीं करते हैं क्योंकि ज्यादातर मामलों में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति उनके अपने बच्चे ही होते हैं।बुजुर्गों के प्रति हो रही इस उपेक्षा को कम करने के लिए ही वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे मनाया जाता है। उम्मीद है कि लोग इस बात को समझे के बुजुर्ग हम पर बोझ नहीं है लेकिन वह हमारी सबसे कीमती संपत्ति है।