तमिलनाडु मुख्यमंत्री और वहां के नेता क्यों है NEET के खिलाफ

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NEET EXAM: तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने सोमवार को विधानसभा में एक विधेयक पेश किया। जिसमें (NEET) नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट से छूट की मांग की गई है। इसकी वजह से प्रदेश को नीट परीक्षा से अस्थाई तौर पर छूट देने की मांग सुनिश्चित होगी। हालांकि एक छात्र ने रविवार को परीक्षा देने से पहले ही सुसाइड कर लिया था। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा में फेल होने के डर से कथित तौर पर आत्महत्या से छात्र की मौत होने का संदेह है। क्योंकि उसका यह तीसरा प्रयास था। इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों में घमासान शुरू हो गया। जिसकी गूंज सोमवार को विधानसभा में भी सुनाई दी।

घोषणा स्टालिन ने की थी तथा पलानी स्वामी ने इसका समर्थन किया

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा था कि देश में एक बड़ा मुद्दा नीट है। एमके स्टालिन ने तमिल में एक ट्वीट पोस्ट पर बताया कि नेट की वेदी पर एक और मौत हम नीट के लिए अस्थाई छूट विधेयक कल लाएंगे। भारतीय उपमहाद्वीप के मुद्दे के रूप में हम नीट को लें। वहीं पर तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री तथा अन्नाद्रमुक नेता एडप्पादी के पलानी स्वामी ने मिडिया से बातचीत में बताया कि एक छात्र धनुष ने कल आत्महत्या कर ली। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीएमके ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। परीक्षा के लिए छात्रों ने अच्छी तैयारी नहीं की क्योंकि डीएमके सरकार ने कहां की नीट को खत्म कर दिया जाएगा। पलानीस्वामी ने यह भी बताया कि हम नीट के प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।

छात्र की मौत के बाद

यह टिप्पणी स्टालिन की उस समय आई है। जब एक 19 वर्ष का मेडिकल उम्मीदवार अपने घर पर सलेम मृत में पाया गया था। वह जब तीसरी बात नीट की परीक्षा में शामिल होने वाला था। हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने एक नीति नोट में बताया कि एक अधिकारिक समिति ने योग्यता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर चिकित्सा जैसी पेशेवर डिग्री में प्रवेश के लिए तथा नीति से छूट प्राप्त करने के लिए एक नया कानून बनाने का सुझाव दिया। नीट में छूट देने के लिए तमिलनाडु को पिछले शासन AIADMK के दौरान सन् 2017 में पारित विधेयकों को राष्ट्रपति की सहमति नहीं मिली थी।

राजनीतिक विवाद नीट को लेकर

छात्र की मौत की वजह एआईएडीएमके ने द्रमुक शासन को जिम्मेदार ठहराया। तथा स्टालिन ने मामले पर आइडियल होने के लिए केंद्र को निशाना साधा। स्टालिन ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र नीट से छात्रों को होने वाले भारी कठिनाइयों को नहीं समझता है। इसकी लापरवाही तथा हट ही छात्रों के आत्महत्या का लिए जिम्मेदार है।

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