Owaisi: Bihar का सिवान जिला इस बीच एक बार फिर से सुर्खियों में है। अभी हाल ही का मामला है जो जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा एवं उसके बाद हुई कार्यवाही में एक नाबालिग लड़के की गिरफ्तारी से जुड़ा है।
आपको बता दें कि जिले के अंदर 8 सितंबर यानी कि गुरुवार को महावीरी अखाड़ा शोभायात्रा के दौरान हिंसा भड़की थी और उसके बाद से ही की गई गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। हालांकि यह हंगामा हैदराबाद से एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन Owaisi के ट्वीट के बाद से और भी गर्माता नजर आ रहा है। Owaisi ने ट्वीट पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए सवाल खड़े किए हैं कि “कैसे नीतीश कुमार के राज में बच्चे महफूज नहीं,
Owaisi, कैसे पुलिस दंगाइयों को पकड़ने की जगह मुसलमानों को ही निशाना बना रही है?” Owaisi ने कहा कि 8 साल का रिजवान एवं 70 साल के यासीन कैद हैं। जबकि लालू प्रसाद ने 1990 में आडवाणी को Arrest कर Guest House भेज दिया था। इस एहसान को ही चुकाने के लिए भला मुसलमानों को कितनी नस्लों की कुर्बानी देनी होगी??
इस पोस्ट में
आपको बता दें कि सिवान जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र में पुरानी बाजार के पश्चिमी टोला में पिछले गुरुवार यानी कि 8 सितंबर को महावीरी अखाड़ा शोभायात्रा निकाली गई थी। इस शोभायात्रा के पश्चिम टोला मस्जिद पहुंचते-पहुंचते ही हिंसा भड़क उठी। हिंदू और मुसलमान समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों तरफ से पथराव के बाद क्षेत्र में भरी आगजनी हुई। पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए। प्रशासन ने हिंसा एवं मारपीट के मामले में 100 अज्ञात और 35 लोगों पर नामित एफआईआर दर्ज की है।
गौरतलब है कि दोनों समुदाय से 10-10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन इन्हीं गिरफ्तारियों में “रिजवान” नाम के एक नाबालिग लड़के के पकड़े जाने को लेकर भी सियासत गर्माती नजर आ रही है। बता दें कि नाबालिक लड़के की रिहाई को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। #ReleaseRizwan के नाम से Twitter Trend चलाए जा रहे हैं। जहां पर कुछ लोग लड़के का उम्र 8 साल लिख रहे हैं वहीं पर कुछ लोग 12 से 13 साल। चूंकि मिली सूचनाओं के मुताबिक पुलिस ने उस लड़के को हिरासत में लेने के बाद से बाल सुधार गृह भेज दिया है।
इस बीच रिजवान के परिवार ने यह आरोप लगाया है कि पुलिस रिजवान की रिहाई के लिए उनसे पैसे मांग रही है। हालांकि बातचीत के दौरान रिजवान के चचेरे भाई मोहम्मद शहाबुद्दीन जो कि 24 साल के हैं वह बताते हैं कि देखिए जिस दिन यह घटना हुई उस दिन मेरा भाई मग़रिब की नमाज के लिए (मस्जिद) गया था। प्रशासन ने नमाज पढ़ने के लिए 10 मिनट का वक्त दिया था तभी वहा से महावीरी जुलुस निकला और भगदड़ मच गई। वैसे तो जुलूस हर साल निकलता है लेकिन इस बार प्रशासन मुस्तैद नहीं दिखा।
वहां पर पहले भी हिंसा हुई है। पुलिस देर रात आई और मेरे दादा के साथ ही रिजवान को भी पूछताछ के लिए ले गई। वैसे मेरे दादा तो पूर्व सरपंच रहे हैं। वह इस जुलूस को क्षेत्र से शांतिपूर्वक निकलवाने में लगे थे। लेकिन पुलिस उनको भी ले गई। ऐसा कहा गया कि लोगों को चिन्हित करवाने के बाद से ही इन्हें छोड़ दिया जाएगा लेकिन बाद में पता चला कि सबको जेल भेज दिया गया।
उम्र को लेकर उन्होंने बताया कि रिजवान के जन्म की तारीख 1 जनवरी 2014 है। हालांकि उन्होंने रिजवान के जन्म की पुष्टि के लिए कागजात भी दिए।
पाकिस्तान से भारत क्यूं चले आए ये हिंदू जानिए पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ क्या होता है
Mukesh Ambani ने अब खरीदीं ये दो कम्पनियां, जानिए कितने करोड़ में हुई डील
वहीं पर रिजवान की रिहाई के लिए पैसे मांगे जाने के आरोप पर रिजवान की मां वकीलन खातून बताती है कि देखिए रिजवान को जब पुलिस पकड़ कर ले गई तो वह बोली थी कि लोगों को पहचानने के लिए ले जा रही है लेकिन उसको जेल भेज दिया। हमको जब कोर्ट की तरफ से बुलाया गया तो हमने देखा कि रिजवान के हाथ में रस्सी बंधी है। हमारे सामने उसको खोला तो वह हमसे आकर लिपट गया और रोने लगा। हम बोले कि सब ठीक हो जाएगा तुम छूट जाओगे लेकिन वह तो बच्चा है न।
उसका कोई दोस्त भी नहीं है एवं जब हम लोग बाहर आए तो पुलिस वाले आए। एक ड्रेस में था और एक सादा ड्रेस पहने हुए था। हमसे पूछा कि बच्चे के परिवार में से कौन है? जब हमने बोला कि हम ही हैं तो 10 से 12 हजार रुपए मांगने लगा। हम बोले कि हम गरीब हैं कहां से लाएंगे पैसा? तो यह कहने लगा कि आप जानिए।
बड़हरिया थानाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि देखिए पहली बात तो यह है कि रिजवान की जो तस्वीर वायरल की जा रही है वह ठीक नहीं है, क्योंकि खुद मजिस्ट्रेट के सामने लड़के ने अपनी उम्र 13 साल स्वीकार की है। इसके अलावा भी पुलिस के पास ऐसे तमाम साक्ष्य हैं कि वह पत्थरबाजी में शामिल था। वैसे तो उम्र का पता जांच में चल जाएगा। वहीं पर रिजवान की मां के रिश्वत मांगने के आरोप पर थानाध्यक्ष ने बताया कि ऐसी बातें सरासर झूठ है। ऐसा कहीं होता है क्या??
सोशल मीडिया पर रिजवान की वायरल हो रही तस्वीर और बड़हरिया के थानाध्यक्ष के दावे की पुष्टि के लिए फिर से रिजवान के परिजनों से संपर्क किया गया एवं उनसे रिजवान की पुरानी तस्वीर मांगी। रिजवान के भाई साहब शहाबुद्दीन ने हमसे कहा कि वह सोशल मीडिया पर ही चल रही तस्वीरें सच्ची हैं। हां एक बात यह भी है कि वह तस्वीर पिछली ईद के दौरान की है।