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National sports day 2021: जाने हर साल क्यों मनाया जाता है 29 अगस्त को यह दिन

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आज के समय में न हारना जरूरी है,
न जीतना जरूरी है.
जीवन एक खेल है दोस्तों,
इसे तो बस खेलना जरूरी है.

National Sports Day: देश में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इस देश के राष्ट्रपति, राजीव गांधी खेल रत्न, द्रोणाचार्य अर्जुन पुरस्कार जैसे अवार्ड से नामित लोगों को देते हैं। इस दिन को लगभग सभी उम्र के लोग खेल में भाग लेते हैं। ये दिन ना केवल लोगों के मनोरंजन के रूप में काम करता है।बल्कि एक व्यक्ति के जीवन में खेल की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने का काम करता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत कब हुई?

राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर हुआ। देश में पहली बार सन् 2012 में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया। तब से लेकर आज तक इस दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मेजर ध्यानचंद कौन थे?

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को कहा जाता है। उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में एक राजपूत परिवार में हुआ था। हॉकी के सबसे महान खिलाड़ी के तौर पर उन्हें याद किया जाता है। उनको ऐसे ही हॉकी का जादूगर नहीं कहा जाता। बल्कि उसके पीछे उनका मैदान पर बेहतरीन प्रदर्शन है। उन्होंने साल 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते थे। इस खिलाड़ी के कामयाबी का किस्सा यही ही नहीं खत्म होता है। बल्कि ध्यानचंद ने अपने कैरियर में 400 से अधिक गोल किए। ध्यानचंद को 1956 में भारत सरकार ने देश की तीसरी सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था। यही कारण है कि उनके जन्मदिन यानी 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पहली बार सन् 1928 National Sports Day

ध्यानचंद ने पहली बार 1928 में ओलंपिक खेलने गए। इस पूरे टूर्नामेंट में अपनी हॉकी का ऐसा जादू दिखाया कि मानो विरोधी टीम ने उन्हें मैदान पर देखकर ही रहने लगी थी। नीदरलैंड में 1928 में खेले गए ओलंपिक में ध्यानचंद ने 5 मैच में सबसे ज्यादा 14 गोल किए, और भारत को गोल्ड मेडल जिताया।

सन् 1932 में National Sports day

सन् 1932 में लॉस एंजिल्स में खेले गए ओलंपिक में जापान के खिलाफ अपने पहले ही मुकाबले को भारत ने 11-1 से जीत लिया था। इतना ही नहीं इस टूर्नामेंट में फाइनल में भारत में यूएसए को 24-1 से हराकर एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। जो बाद में सन् 2003 में जाकर टूटा। ओलंपिक में एक बार फिर से भारत गोल्ड मेडलिस्ट बना।

सन् 1936 में National Sports Day

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