Madhya Pradesh: सरकार का बड़ा फैसला, रामायण महाभारत और रामचरित्र मानस कॉलेज के छात्रों को पढ़ाया जाएगा

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MP Engineering College: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों मैं स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए कला संकाय में दर्शनशास्त्र के तहत एक वैकल्पिक विषय के रूप में महाकाव्य “रामचरितमानस” की पेशकश की जाएगी। दुनिया आगे बताया कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 से पाठ्यक्रम समिति की सिफारिश पर श्री रामचरित्र मानस को स्नातक (बीए) के वर्ष के छात्रों के लिए दर्शन विषय के तहत वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में पेश किया गया है। रामचरित्रमानस में विज्ञान, साहित्य, श्रृंगार और संस्कृत (भारतीय शास्त्रीय कला के रूप में प्रेम व सौंदर्य की अवधारणा) वर्णन है। इसके जरिए हम किसी विशेष धर्म को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं और न ही हमारी सोच ऐसी है। बल्कि हमने एक विषय के रूप में उर्दू गजल को भी प्रस्तुत किया है।

छात्र चुन सकते हैं वैकल्पिक विषय के रूप में रामचरितमानस

शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि हमारे अध्ययन बोर्ड के शिक्षकों ने एनईपी 2020 के अंतर्गत पाठ्यक्रम को बनाने का काम किया है। मुझे ये लगता है कि किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए सरकार के इस फैसले से। चूंकि नए पाठ्यक्रम के तहत कला के छात्रों के लिए ” श्री रामचरितमानस के अनुप्रयुक्त दर्शन”को वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया गया है। जबकि महाभारत के बारे में अंग्रेजी कोर्स के छात्रों को पढ़ाया जाएगा।

रामचरितमानस विषय का पेपर 100 नंबर का होगा

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस विषय का कुल पेपर 100 नंबर का होगा। दर्शन शास्त्र विषय के जगह पर रामचरितमानस को वैकल्पिक तौर पर रखा गया है। मोहन यादव ने आगे कहा कि शिक्षा नीति हम में 131 प्रकार के कोर्स लाए हैं। हालांकि उसमें हमने रामायण के पक्ष को लेकर रामचरितमानस को वैकल्पिक विषय के रूप में पर रखा है।

राम का नाम अगर भारत में नहीं आएगा तो क्या पाकिस्तान में आएगा

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि रामायण के अंदर कई सारे ऐसे विषय हैं। जिनकी जानकारी छात्रों को होनी बहुत ही जरूरी है। आगे कहा कि मुझे लगता है कि इसमें गलत ही क्या है? राम का नाम अगर भारत में नहीं आएगा, तो फिर क्या उसे पाकिस्तान में आना चाहिए? हालांकि हमने उर्दू भाषा को भी जोड़ा है। हम गजल के बारे में भी पढ़ाने जा रहे हैं। भगवान राम के द्वारा रामसेतु निर्मित है। इसी वजह से उनको भी जानना इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए आवश्यक है। क्योंकि यह बात तो उन्हें भी पता होनी चाहिए कि भारत विज्ञान में हजारों साल पहले से ही महारत हासिल कर चुका था

एक इतनी कुशल इंजीनियर भगवान राम थे

अंग्रेजी अखबार के अनुसार छात्रों को यह भी बताया जाएगा कि भगवान राम कितने कुशल इंजीनियर थे। भगवान राम के द्वारा इंजीनियरिंग का एक अनूठा उदाहरण के रूप में “राम सेतु का निर्माण”विषय के माध्यम से भगवान राम के इंजीनियरिंग गुणों के बारे में पढ़ाया जाएगा। चूंकि रामचरितमानस के अलावा 24 वैकल्पिक विषय और भी हैं। जिसमें मध्य प्रदेश में उर्दू गाने व उर्दू भाषा भी शामिल है।

क्या होगा फायदा बदलाव से

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि इन विषयों के जरिए छात्रों को जीवन के मूल्यों के बारे में सिखाने की पूरी तरह से कोशिश की जाएगी। साथ ही साथ ये उनके व्यक्तित्व को भी निखारने की कोशिश है। उन्होंने आगे कहा हम रामचरितमानस वह भारत से बहुत कुछ सीख सकते हैं। हम अब सिर्फ छात्रों को शिक्षित नहीं करना चाहते। बल्कि उन्हें हम एक महान इंसान के रूप में विकसित करना चाहते हैं।

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