भारत की जनसंख्या 2019, एक बड़ी समस्या, 2027 तक चीन से ज्यादा होगी जनसंख्या, फिर क्या मुसीबत आने वाली है – जानिए
जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमारे यहां बहुत सी योजनाएं बनाई गई है और बहुत सी योजनाएं शुरू हो गई है, जनसख्या भी चाकू की तरह ही है कि आप उस से सेब काटते है या गला वैसे ही जनसंख्या भी है निश्चित क्षेत्र में अगर आवश्कता से कम जनसंख्या है तो इसका मतलब संसाधन का पूरा इसतेमाल नहीं हो पा रहा है, और संसाधन बेकार हो रहा है और आवश्कता से ज्यादा जनसंख्या है तो संसाधन काम पड़ने लगेगा और अपास में लड़ाई होने लगेगी, एक देश में जनसंख्या उतनी चाहिए जितना संसाधन हो और जनसंख्या का पूरे-पूरे श्रम का प्रयोग किया जा सके तो कुल मिला कर जनसंख्या जरूरी पर एक निश्चित मात्रा में,
आइए पहले आप को जनसंख्या के बारे में कुछ बता दे फिर ये बताएंगे की हमारे यहां के राजनीतिक पार्टी इस बारे में क्या कहती है,
कुछ समाजशास्त्री जनसंख्या विस्फोट को मिथक बताते है उनके अनुसार पिछले दशकों में समाज के सभी वर्ग में जानसख्या वृद्धि, जन्मदर,और प्रजनन दर में लगातार गिरावट हो रही है ये बात बिल्कुल सही नहीं है 6 साल बाद 2022 में भारत दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश हो जाएगा।
आब चलिए ये भी जान लें की हमरी राजनतिक पार्टी क्या कहती है
इस बारे में बेगूसराय के भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विश्व जनंसख्या दिवस के मौके पर कहा कि देश में हिन्दू मुस्लिम दोनों के लिए दो बच्चे का नियम होना चाहिए और जो इस नियम को जो न माने उसका मताधिकर ख़त्म कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने टवीट कर कहा, हिदुस्तान में जनसंख्या विस्फोट अत्यधिक सामाजिक समस्या और संसाधन का संतुलन बिगाड़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण पर धार्मिक व्यवधान भी एक कारण है, हिन्दुस्तान47 की तर्ज पर सांस्कृतिक विभाजन की ओर बढ़ा रहा है।सभी राजनीतिक दलों को साथ हो जनसंख्या नियंतरण कानून के लिए आगे आना होगा।गिरिराज सिंह दो बच्चे से ज्यादा बच्चे होने पर मताधिकार का ख़त्म कर देना चाहिए इसपर सपा नेता ने अपने बयान में कहा दो से ज्यादा बच्चे होने पर मताधिकार का आधिकार क्या ख़त्म करना फासी ही दे देनी चाहिए इसके बाद अगला बच्चा होगा ही नहीं क्यूंकि न रहेगा बास और न बजेगी बांसुरी,सांसद आजम खान ने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या कि जा रही हैं,मौजूदा केंद्र सरकार के शासन से अग्रेजों का शासन बेहतर था।आज देश के लिए बढ़ती जनसंख्या परेशानी का सबब बनी हुई हैं देश की आबादी जिस तरह बढ़ रही हैं उसे देखकर शायद ही कोई कल्पना कर पाए कि येकभी नियंत्रित भी हो सकती हैं,पर इसके टीक आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए भारत के बारे में निर्मला सीतारमण ने कहा आने वाले दो दशकों में जनसंख्या _वृद्धि दर में देश में काफी गिरावट देखेगे,हर चीज की लोगो के पास अपनी अपनी राय है कोई जनसंख्या के लिए मताधिकार ख़त्म करने की बात कर रहा है तो कोई इंसान को ही खत्म करने की बात कह रहा है तो किसी को लगता है कि कुछ समय में अपने आप ही कम हो जाएगा , इंडिया के लोगो को समझना और लोहे के चना चबान एक बराबर है,