Heart Donate: देश में एक तरफ जहां धर्म को मुख्य मुद्दा बनाकर विवाद और आपसी टकराव की घटनाएं सामने आ रही है। उसी वक्त हमें देश के कुछ कोनों में से ऊ और इंसानियत की मिसाल बनी खबरें भी सुनने को मिलती हैं। ऐसी खबरें हमारे दिल पर लगे जख्मों पर मरहम लगाने का काम करती है। इतना ही नहीं ऐसी मिसाले दो समुदाय के लोगों को तोड़ने का प्रयास करने वालों के मुंह पर जोरदार थप्पड़ के रूप में लग रही है।
हिंदू और मुसलमान एकता की मिसाल और इंसानियत की मिसाल पेश करने वाली एक खबर गुजरात से आई है जहां एक हिंदू शख्स को जरूरत पड़ने पर मुस्लिम परिवार ने अपने बेटे का दिल दान कर दिया है। आपसी सौहार्द की नजीर पेश करने वाली इस खबर के मुताबिक मुस्लिम युवक को सड़क हादसे के बाद डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था।
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दरअसल गुजरात के अहमदाबाद में पान की दुकान चलाने वाले 25 वर्षीय मुस्लिम युवक का 22 अप्रैल को अकस्मात हो गया था। इस एक्सीडेंट में मुस्लिम युवक गंभीर रूप से घायल हो चुका था। परिवार उसे उपचार के लिए एक अस्पताल ले गए थे जहां डॉक्टरों ने उसे रेफर किया था।
उस बाद 23 अप्रैल को सिविल अस्पताल में उस युवक को भर्ती करने पर डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखकर उसका उपचार शुरू किया। उपचार के बावजूद उस युवक की हालत गंभीर बनी हुई थी। आखिरकार 25 अप्रैल को डॉक्टरों ने उस युवक को ब्रेन डेड जाहिर कर दिया था।
अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक राकेश जोशी ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि इस युवक का ब्रेन संपूर्ण तौर पर डेड हो चुका था। बावजूद इसके उसके शरीर के बाकी अंग स्वस्थ थे और काम कर रहे थे। हमें ऐसा लगा कि उसके अंग किसी जरूरतमंद इंसान को डोनेट करने पर किसी दूसरे व्यक्ति को जीवनदान मिल सकता है।
इसी दरमियान एक 52 वर्षीय व्यक्ति को हार्ट ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी। हमारी काउंसलिंग की टीम ने चर्चा कर इस मुस्लिम परिवार को अपने बेटे के अंग को दान करने के लिए समझाया और वे फौरन ही गए। उस बाद मुस्लिम युवक का दिल इस अन्य हिंदू व्यक्ति में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर दिया गया।
जिस व्यक्ति में इस मुस्लिम युवक का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया उनका नाम शैलेंद्र सिंह है।
52 वर्षीय शैलेन्द्र सिंह में अहमदाबाद के CIMS अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया। जो संपूर्ण तौर पर सफल रहा। इंदौर के शैलेन्द्र एक बैंक कर्मचारी हैं।
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इस मामले के साथ ही प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात के अहमदाबाद शहर के विधायक ग्यासुद्दीन शेख काफी लंबे समय से अंग डोनेशन की मुहिम चला रहे हैं। इस घटना के बाद उन्होंने कहा कि रमजान मुबारक के महीने में यह बहुत ही बड़ा दिन और बड़ी बात है। गुजरात में अंग डोनेशन का यह मामला शायद पहली बार हुआ है कि जब किसी मुस्लिम व्यक्ति ने अंगदान किया है। हम काफी लंबे समय से परिवारों को अंगदान करने के लिए समझा रहे हैं और उन्हें राजी भी कर रहे हैं। ग्यासुद्दीन शेख ने लोगों से अंगदान करने के लिए आगे आने की अपील भी की है।