Rahul Gandhi: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को लगता है कि राहुल को ही अध्यक्ष बनना चाहिए। अब सवाल यह है कि कांग्रेस गांधी परिवार और खासतौर से राहुल को ही पार्टी के अध्यक्ष पद पर क्यों देखना चाहती है।
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कांग्रेस को 19 अक्टूबर 2022 को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी की तरफ से चुनाव प्रोग्राम का ऐलान कर दिया गया है। हालांकि, इस चुनाव में पूर्व प्रमुख राहुल गांधी की उम्मीदवारी को लेकर स्थिति साफ नहीं दिखाई नही दे रही है, लेकिन खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस नेता लगातार उन्हें मनाने की कोशिश में लगे हैं। राहुल ने 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल, इस समय सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को लगता है कि राहुल को ही अध्यक्ष बनना चाहिए। अब सवाल है कि पार्टी गांधी परिवार और खासतौर से राहुल को ही पार्टी के अध्यक्ष के पद पर क्यों देखना चाहती है।
मीडिया के रिपोर्ट के अनुसार, एक कांग्रेस महासचिव ने कहा कि राहुल गांधी के पास बारह करोड़ मतदाताओं का वोट साझा है। उन्होंने कहा, वर्ष 2019 में कांग्रेस को जो वोट प्राप्त हुए वह राहुल गांधी के वजह से मिले थे, क्योंकि चुनाव उन्ही के नाम पर लड़ा गया था। विपक्ष के किसी भी नेता को इतने ज्यादा वोट नहीं मिले।
2012 से लेकर 2022 तक कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन साल 2018 में रहा और उस समय राहुल कांग्रेस के अध्यक्ष थे। कांग्रेस में नए और युवा चेहरों को अहम जिम्मेदारियां दी गई, जनता तक पहुंच बढ़ाने के लिए पहल की गईं, इसके लिए अभियान भी चलाए गए। इसने कांग्रेस को छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे कई राज्यों में गठबंधन की सरकार और गुजरात में बीते समय में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की।
साल 2019 में टिकट बांटने से लेकर अभियान तक के लिए एक कोर समिति तैयार की गई थी। Rahul Gandhi इस समिति का हिस्सा नहीं थे, लेकिन G-23 के कुछ सदस्य समेत वरिष्ठ नेताओं ने बड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए। जब चुनाव नतीजे आए, तो नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राहुल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन किसी दूसरे नेता ने ऐसा नहीं किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के एक राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘जब राहुल गांधी की अध्यक्षता में पार्टी राज्यों में चुनाव जीती थी, तो उसका श्रेय पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं तथा नेताओं को दिया जाता था, लेकिन अगर कांग्रेस पार्टी किसी राज्य में हारती है तो उसका जिम्मेदार राहुल गांधी को ठहराया जाता है। जब राहुल गांधी पर हमले हो रहे थे, तो पार्टी के कुछ बड़े नेता चुप्पी साधे बैठे रहे जो कांग्रेस पार्टी के लिए ठीक बात नहीं रही।
आप देख सकते हैं कि कैसे पार्टी के युवा सदस्यों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। पार्टी के युवा कार्यकर्ता तब भी राहुल गांधी के साथ खड़े रहे, जब पार्टी के बड़े नेताओं ने पक्ष बदल लिया।’
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Rahul Gandhi के अध्यक्षता के मामले की बात को लेकर कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी एकमात्र ऐसे नेता हैं जो विपक्ष के खिलाफ लगातार नए नए मुद्दे उठाते रहते हैं और बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधते रहते हैं।
एक प्रेस वार्ता में राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, ‘राहुल गांधी एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो महंगाई, जीएसटी जैसे मुद्दों पर सरकार के ऊपर प्रश्न उठाने की हिम्मत कर रहे हैं। ऐसे वक्त में जब ईडी और सीबीआई चल रही हैं, तो राहुल गांधी के साथ वो ही नेता और कार्यकर्ता चल सकते हैं, जिन्हें इन एजेंसियों का डर नहीं है।’
पार्टी की तरफ से जारी कार्यक्रम के मुताबिक, 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होने जा रहा है। वहीं, 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। सूचना यह भी है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के दावेदार हो सकते हैं।