हर साल विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। इस दिन विश्व में फैली हिंसा व युद्ध की अशांति को दूर करने के लिए हर एक देश में प्रण लिया जाता है। लेकिन क्या सिर्फ एक ही दिन में विश्व शांति के नाम पर हम इसे पा रखते हैं? विश्व शांति दिवस क्या आज प्रसांगिक रह गया है…?
आपको बता दें कि विश्व भर में शांति कायम करना संयुक्त राष्ट्र का मुख्य ध्येय है। इस बात का स्पष्ट उल्लेख संयुक्त राष्ट्र चार्टर में भी है। यूएन का जन्म अंतरराष्ट्रीय संघर्ष को रोकने तथा शांति की संस्कृति विकसित करने के लिए हुआ है। आतंक, अशांति और संघर्ष के इस दौर में अमन की अहमियत का प्रचार प्रसार करना बहुत ही जरूरी व प्रसांगिक हो गया है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ, गैर सरकारी संगठन, सिविल सोसाइटी, राष्ट्रीय सरकारी व उनकी तमाम संस्थाएं प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस का आयोजन करती है। दुनिया के कोने कोने में शांति का संदेश पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कला, साहित्य, खेल जगत, संगीत व सिनेमा की विश्व विख्यात हस्तियों को शांतिदूत भी नियुक्त कर रखा है।
विश्व के सभी देशों व लोगों के बीच शांति बनी रहे। इसके लिए 1981 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाने की घोषणा की थी। हालांकि सितंबर महीने के तीसरे मंगलवार के रूप में 1982 से लेकर 2001 तक विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। लेकिन उसके बाद से 2002 से यह 21 सितंबर को मनाया जाने लगा।
विश्व की शांति बनी रहे इसके लिए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पांच मूल मंत्र दिए थे। यह पंचशील सिद्धांत के तौर पर भी जाना जाता है। इसके अनुसार दुनिया में शांति की स्थापना के लिए एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता बनाए रखने तथा सम्मान किए जाने की बात कही गई थी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व शांति दिवस को 24 घंटे अहिंसा तथा संघर्ष विराम के माध्यम से शांति के आदेशों को मजबूत करने के लिए इस दिन के रुप में घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक हम अब कोविड-19 से धीरे-धीरे बाहर आ रहे हैं। ऐसे में प्रत्येक देश को एक होकर रचनात्मक तथा सामूहिक रूप से सोचना चाहिए। प्रत्येक देश को ये कैसे भी करके सभी को बेहतर तरीके से ठीक किया जाए। तथा प्रत्येक व्यक्ति को जीने का एक समान अवसर मिले। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इन्हीं सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए साल 2021 के अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस की थीम “Recovering Better For An Equitable and Sustainable World” रखी है।