Video Call: जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हम आगे बढ़ते जा रहे हैं, वैसे वैसे कई तरीके की समस्याएं हमें चारों तरफ से घेर रही है,आपको पता होगा कि आज छोटी सी छोटी बातों पर लोग वीडियो कॉल कर देते हैं और वीडियो के जरिए बात करना शुरू कर देते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि वीडियो कॉल के जरिए उन्हें क्या-क्या समस्याएं होती है और उन्हें कितना नुकसान उठाना पड़ता है।
आज हम आपको वीडियो कॉल से होने वाले दो बड़े नुकसान के बारे में बताने वाले हैं।
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वीडियो कॉलिंग भले ही एक दूसरे से जुड़ने का एक बेहतर साधन है,परंतु इसका दुष्प्रभाव भी है विज्ञान ने यह सिद्ध कर दिया है कि जो व्यक्ति अधिक समय तक वीडियो कॉल पर रहता है उसमें मानसिक तनाव के चांस ज्यादा होते हैं।। अतः यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि कब वीडियो कॉल करनी चाहिए और कब नहीं करनी चाहिए और वीडियो कॉल पर कितना समय व्यतीत करना चाहिए
अब जबकि आप यह जान चुके हैं कि वीडियो कॉल आपको मानसिक तनाव की ओर ले जा सकती है तब आपको यह सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है कि आप कब वीडियो कॉल करें और कब ना करें, इसके लिए यह निर्देश दिया गया है कि आप अपने मुद्दे की गंभीरता को समझें अगर आपकी बातचीत मैसेज मेल अथवा वॉइस कॉल के जरिए हो सकती है तो आप वीडियो कॉल का सहारा बिल्कुल ना लें और अगर अन्य तीनों माध्यमों से बात तक संभव ना हो तभी आप वीडियो कॉल का सहारा ले।
जब आप वीडियो कॉल कर रहे होते हैं तो उससे तनाव बढ़ने और थकान महसूस करने का एक बड़ा कारण भी है, वीडियो कॉल के दौरान आपका ध्यान कई जगह रहता है। जिसमें आप ऑडियो कॉल के जरिए बात करते हैं तो आपका ध्यान पूरी तरीके से आपकी बात पर होता है परंतु वीडियो कॉल के दौरान आपका ध्यान स्क्रीन प्रेजेंट पर भी रहता है,आपको अपनी पर्सनालिटी अपनी बॉडी लैंग्वेज इंटरनेट कनेक्टिविटी तथा वॉइस आदि पर ध्यान रखना होता है
इसलिए एक समय में कई जगह पर ध्यान केंद्रित करने और कार्य करने की वजह से मानसिक थकान उत्पन्न होती है जो मानसिक तनाव की वजह बन जाती है अतः वॉइस कॉल ही एक बेहतर मार्ग है मानसिक तनाव से बचने का।
आपने देखा होगा कि वीडियो कॉल करने के लिए आपको सबसे पहले अच्छे नेटवर्क एक्सेस की जरूरत होती है, इसके अतिरिक्त आपको अपना गेटअप,अपना बॉडी लैंग्वेज तथा अन्य कई प्रकार के साधन संसाधनों की जरूरत होती है अतः वीडियो कॉल के लिए तैयार होने से पहले आप एक लंबा समय वेस्ट करते हैं प्रोफेशनल लाइफ के लिहाज से यह भी एक भारी नुकसान है अतः समय को बचाने के लिए भी वीडियो कॉल से बचने का प्रयास किया जाना चाहिए।
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कई बार यह होता है कि मोबाइल का कैमरा फैंड्री नहीं होता है और इसका प्रभाव पड़ता है कि सामने वाले आपको या आप सामने वाले को सही तरीके से नहीं देख पाते हैं और ऐसी स्थिति में आपकी बातचीत प्रभावित होती है और आप सही तरीके से बात नहीं कर पाते हैं।
इसके अतिरिक्त आसपास का शोर भी बाधा बनता है तो अगर बात तो मुद्दे की करनी है और महत्वपूर्ण करनी है तो बेहतर यही होगा कि आप वीडियो कॉल की बजाय वॉइस कॉल उठा मैसेज या फिर मेल का प्रयोग करें यह आपको मानसिक स्वस्थ भी रखेगा और आपके समय को भी बचाएगा।