UPSC Success Stories: अगर आप शांत मन से होकर मेनहत करते हैं। तो आप की आर्थिक स्थिति कैसी भी हो आप आसानी से सफलता पा सकते हैं। सफलता कभी भी अमीरी गरीबी को नहीं देखती। मजबूत इरादा आने वाली मुश्किलों से लड़ने का ताकत देता हैं। बेहतर भविष्य के लिए यह जरूरी है कि आप कड़ी मेहनत करते रहें।
मन में अगर कोई बात घर कर गई हो तो उसको पाने के लिए क्या नहीं किया जा सकता। जब दशरथ मांझी सीना ताने खड़े पहाड़ को काटकर रास्ता बना सकते हैं। तो हम क्यों नहीं कर सकते? ऐसा ही कुछ कर दिखाया है केरल के इडुक्की की रहने वाली सेल्वाकुमारी एस ने। सेल्वाकुमारी दिन में खेतों में काम करती थी और बचे समय में पढ़ाई करके एक बार में ही PCS exam क्लियर किया है।
मनुष्य को प्रकृति ने हर विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के योग्य बनाया है। मुसीबतें कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, इंसान का आत्मविश्वास, मेहनत और लगन हो तो वह कुछ भी कर सकता है। हमारे देश में प्रतियोगी परीक्षाओं का एक अलग ही महत्व है। नाम और हैसियत की प्रतीक बन चुकी सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं है। सीटें कम हैं और लाखों-करोड़ों की उम्मीद उस सफलता को पाकर अपने मुकाम को हासिल करना चाहती हैं।
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The New Indian Express के लेख के मुताबिक सेल्वाकुमारी जो केरल की रहने वाली हैं। उनकी उम्र 28 साल है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से पहली बार में ही केरल का PCS exam पास कर लिया है। उनकी मां और वह इलायची की खेती में काम करती हैं। काम छोटा है लेकिन उनका हौसला बुलंद है।
सेल्वाकुमारी को उनकी मां ने उनकी अकेले ही परवरिश की है क्योंकि उनके पिता ने उनकी मां, उन्हें और उनकी दो बहनों को अकेला छोड़ दिया था। तीन बेटियों की परवरिश करने में उनकी मां को बहुत सारी परेशानी हो रही थी। अपनी मां की परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने अपनी मां के साथ इलायची के खेत में काम करना शुरु कर दिया।
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बता दें कि सेल्वाकुमारी अपनी मां और दादी के साथ एक ही कमरे में रहती हैं। लेकिन इतनी समस्याओं का सामना करते हुए भी वह पढ़ाई करती गई। सेल्वाकुमारी तिरुवंतपुरम के गवर्नमेंट विमेंस कॉलेज में पढ़ती थी। वहां से उन्होंने मैथ्स में ग्रेजुएशन किया है। इसके साथ ही उन्होंने MPhil में टॉप भी किया है।
UPSC Success Stories, गौरतलब है कि सेल्वाकुमारी मलयालम में नहीं बोल पाती थी। इसीलिए कॉलेज में सब उनका मजाक उड़ाते थे। लेकिन उन्होंने कभी किसी की भी चिंता नहीं की और अपने लक्ष्य पर अडिग रहीं। जिसका नतीजा यह है कि आज सारे लोग उनकी सफलता का गुणगान कर रहे हैं।