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Tilak Mehta: छोटी सी उम्र में पेश की मिसाल,17 साल की उम्र में बन गए ₹100 करोड़ की कंपनी के मालिक

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Tilak Mehta: आप पढ़ कर शायद हैरान हो जाएंगे कि बच्चे जिस उम्र में स्कूल की सीढ़ी चढ़ते हैं उस उम्र में एक बच्चे ने 100 करोड रुपए की कंपनी बना ली है।

शायद आपको यकीन नहीं होगा लेकिन मूल गुजरात के और वर्तमान मुंबई में रहने वाले तिलक मेहता में छोटी सी उम्र में यह कारनामा कर दिखाया है।

पढ़ाई के साथ जारी रखा बिजनेस भी Tilak Mehta ने

Tilak Mehta

तिलक मेहता ने बिजनेस को आगे बढ़ाने के साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और महज दो साल के कम समय में ही वह एक सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर बनकर लोगों के लिए एक मिसाल बन चुके हैं। साल 2006 में गुजरात में पैदा हुए तिलक सिर्फ 17 साल के हैं।

Tilak Mehta के पिता विशाल मेहता एक लॉजिस्टिक कंपनी से जुड़े हुए हैं और मां काजल मेहता हाउसवाइफ हैं, उनके परिवार में उनकी एक बहन भी है। चलिए जानते हैं कि इस बच्चे ने कैसे बिजनेस में महारत हासिल करके सफलता के झंडे गाड़े हैं।

बचपन की एक घटना ने दिया बिजनेस का आईडिया

Tilak Mehta

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स्कूल के दिनों में तिलक के पिता जब ऑफिस से लौट कर आते थे तो वह काफी थक जाते थे और स्टेशनरी का सामान लेने नहीं जा सकते थे।

इस समय तिलक को किताबों की डिलीवरी करने का आइडिया सुझा और उन्होंने अपना यह बिजनेस प्लान अपने पिता को बताया। कूरियर सर्विस शुरू करने का पूरा प्लान बनाने के बाद उनके पिता ने उन्हें कुछ अमाउंट इन्वेस्ट करने को दिया था। 

फिर उन्होंने तिलक की मुलाकात बैंक अधिकारी घनश्याम पारेख से करवाई, जिन्होंने उनके बिजनेस में निवेश किया। इतना ही तिलक का आइडिया सुनकर उन्होंने भी बैंक की नौकरी छोड़ दी और बिजनेस ज्वाइन कर लिया। उसे बात दोनों ने पेपर एन पार्सल नाम की कुरियर सर्विस की शुरूआत की थी।

शिपिंग और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी सेवाएं

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Tilak Mehta ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पेपर एन पार्सल  (Papers N Parcel) के फाउंडर हैं, जो शिपिंग और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी सेवाएं देती है। कंपनी अपने मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को डोरस्टेप सर्विस देती है। फिलहाल कंपनी के साथ 200 कर्मचारी और 300 से भी डिब्बा वाले जुड़े हुए हैं। इन कर्मचारियों की सहायता से ही कंपनी रोजाना हजारों पार्सल डिलीवर करती है और इस सर्विस के लिए करीब 40 से 180 रुपये तक चार्ज लेती है।

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