Success Story: आज हम आपको एक ऐसी सफलता की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो आपको प्रेरित कर देगी और यह विश्वास दिलाएगी कि मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है। यह कहानी है गुजरात के जयंती कनानी की, जिन्होंने गरीबी और संघर्ष को मात देकर हजारों करोड़ की कंपनी पॉलिगॉन की स्थापना की। तो चलिए, जानते हैं उनके संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी।
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जयंती कनानी, पॉलिगॉन के सह-संस्थापक और सीईओ हैं। उनकी कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2021 में ही 10 अरब डॉलर को पार कर गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कामयाबी के पीछे कितनी मेहनत और संघर्ष छिपा है?
जयंती का जन्म अहमदाबाद के बाहरी इलाके में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता एक डायमंड फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि स्कूल की फीस भी बड़ी मुश्किल से निकल पाती थी।
जयंती का बचपन छोटे से फ्लैट में बीता, जहां उन्होंने गरीबी को बहुत करीब से देखा। उनका परिवार बहुत साधारण था और उन्हें कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
जयंती ने बचपन से ही परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देखा था। उनके जीवन का एक ही मकसद बन गया था: अपने परिवार को गरीबी से उबारना।
जयंती ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और नडियाद में धर्मसिंह देसाई विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें पुणे में 6,000 रुपये मासिक वेतन पर नौकरी मिल गई।
जयंती का शुरुआती करियर भी संघर्षों से भरा रहा। उन्हें अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिल रही थी और उन्हें छोटी-छोटी नौकरियों में काम करना पड़ा।
ज्यादा वेतन वाली नौकरी की तलाश में जयंती ने कई पार्ट-टाइम प्रोजेक्ट किए और कर्ज भी लिया। उन्होंने कभी अपने सपनों को मरने नहीं दिया। उनके संघर्ष का यही दौर था जब उन्होंने कई महत्वपूर्ण जीवन के सबक सीखे।
अपनी नौकरी के दौरान जयंती की मुलाकात संदीप नेलवाल और अनुराग अर्जुन से हुई। तीनों ने मिलकर कुछ बड़ा करने का फैसला किया और साल 2017 में पॉलीगॉन की शुरुआत की।
पॉलीगॉन की शुरुआत में नाम मैटिक रखा गया था। केवल 6 साल में इस कंपनी ने जबरदस्त सफलता पाई।
तीनों ने मिलकर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में कुछ नया और बड़ा करने का सपना देखा। उन्होंने साथ मिलकर पॉलीगॉन का निर्माण किया, जो आज एक विशाल कंपनी बन चुकी है।
आज पॉलीगॉन की मौजूदा वैल्यू 55,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। कंपनी को अमेरिका के मशहूर निवेशक और शार्क टैंक जज मार्क क्यूबन से भी फंडिंग मिली है।
पॉलीगॉन को मार्क क्यूबन जैसे बड़े निवेशकों से फंडिंग मिली है, जो उनकी सफलता को और भी अधिक विश्वसनीय बनाता है। 2022 में, पॉलीगॉन ने सॉफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल इंडिया जैसे निवेशकों से $450 मिलियन की फंडिंग जुटाई थी।
पॉलीगॉन की इस सफलता के पीछे जयंती, संदीप, और अनुराग की मेहनत, समर्पण और विजन का बड़ा हाथ है। उन्होंने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में नई ऊंचाइयों को छुआ है और यह साबित कर दिया है कि अगर आप में जोश और जुनून है, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
जयंती की यह सफलता हमें यह सिखाती है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी कहानी हमें प्रेरित करती है कि किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए।
Success Story: जयंती की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो जीवन में संघर्ष कर रहे हैं। यह कहानी हमें यह विश्वास दिलाती है कि अगर आप मेहनत और सच्चे दिल से कुछ करना चाहते हैं, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।
तो दोस्तों, ये थी जयंती कनानी की प्रेरणादायक कहानी। अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो हमे फॉलो करें, ताकि आप हमारी हर नई लेख की जानकारी सबसे पहले पा सकें। मिलते हैं अगली कहानी में, तब तक के लिए धन्यवाद!
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Success Story: आइए जानते हैं कुछ टिप्स, जो जयंती कनानी की सफलता से हमें मिल सकते हैं।
1. कड़ी मेहनत और समर्पण: जयंती ने कभी हार नहीं मानी और हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत की।
2. सही लोगों से जुड़ें: संदीप और अनुराग के साथ मिलकर उन्होंने पॉलीगॉन की शुरुआत की और सफलता पाई।
3. नई तकनीकों को अपनाएं: ब्लॉकचेन जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाकर उन्होंने अपनी कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
4. वित्तीय प्रबंधन: कर्ज लेने के बावजूद, जयंती ने अपने वित्तीय स्थिति को अच्छी तरह से संभाला और अपनी कंपनी को सफल बनाया।
5. सपने देखना बंद न करें: चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, अपने सपनों को कभी मत छोड़ें।
ये टिप्स न केवल आपको प्रेरित करेंगी, बल्कि आपके सफलता के रास्ते को भी आसान बनाएंगी।
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