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United Arab Emirates: इस देश में भीख मांगना जुर्म, पकड़े जाने पर मिलती है ये सजा

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United Arab Emirates

United Arab Emirates: यूएई की पुलिस फोर्स ने एशियाई और अरब मूल के 45 लोगों को भीख मांगते हुए गिरफ्तार किया है। इन सभी लोगों पर भीख मांगने का आरोप भी साबित हुआ है। इस मामले में पुलिस का यह कहना है कि इस कार्रवाई से भिखारियों की आड़ में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वालों पर रोकथाम अभियान में मदद मिलेगी। संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates-UAE) में भीख मांगना एक बहुत ही बडे जुर्म के समान है।

United Arab Emirates हाल ही में पुलिस ने जिन 45 भिखारियों को गिरफ्तार किया है उनमें 28 पुरुष, 16 महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है। देश मकी सुरक्षा स्थिति में योग्य सुधार के लिए एक हफ्ते के लंबे इंस्पेक्शन कैंपेन के बाद पुलिस ने ये कदम उठाया है।

‘खलीज टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अभियान लोगों के पैसे लूटने वाली इस प्रथा को जड से मिटाने के सरकारी प्रयासों का ही एक हिस्सा है। अजमान पुलिस में आपराधिक जांच विभाग के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल अहमद सईद अल नूमी ने कहा है कि, हम देश के समुदायों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने, सामाजिक ताने-बाने और देश की शांति व एकता को नुकसान पहुंचाने वाली हर अवैध प्रथा का मुकाबला करने को सबसे अधिक महत्व देते हैं और यूएई पुलिस की मौजूदा कार्रवाई इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

समाज के सभी लोगों के लिए असुविधा और शर्मिंदगी का कारण


लेफ्टिनेंट कर्नल ने आगे कहा कि अजमान पुलिस के गश्ती दल ने अलग-अलग उम्र के 45 एशियाई और अरब भिखारियों को भीख मांगते हुए अरेस्ट किया है। अल नूमी ने कहा कि ये सभी भिक्षा वृत्ति के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे। इन में से कुछ गरीब और जरूरतमंद बनकर खड़े थे, जबकि कुछ सड़क किनारे बैठ कर समान बेच रहे थे। आगे पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह सभी समाज के लोगों के लिए असुविधा और शर्मिंदगी का भी कारण बन जाते है।

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United Arab Emirates भिखारियों के बजाय चैरिटेबल सोसाइटी में पैसे दान करें

लेफ्टिनेंट-कर्नल अल नूमी ने युएई की जनता से कहा कि ऐसे भिखारियों के प्रति बिल्कुल ही सहानभूति न दिखाएं और देखते ही उनके बारे में पुलिस को सूचित करें। उन्होंने लोगों से कहा कि इन भिखारियों के पैसे देने के बजाय चैरिटेबल सोसाइटी में दान कर देना चाहिए, ताकि यह पैसा जरूरतमंद तक पहुंच सके। पुलिस का यह भी दावा है कि इस कार्रवाई से भिखारियों की आड़ में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वालों पर भी अंकुश लगाने में पुलिस को काफी हद तक मदद मिलेगी।

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