Indian Tea Return: अर्थव्यवस्था को झटका, कई देशों ने भारत की चाय खरीदने से किया इनकार

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Indian Tea Return: विश्व भर में बहुत से देश चाय की आयात और निर्यात में बहुत बड़े कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर देश यूरोपीय यूनियन के नियमों का पालन कर रहे हैं।जो फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों से भी जुड़े हैं। भारत के लिए चाय सेक्टर में झटका देने वाली खबर ने तूल पकड़ा है। इसके मुताबिक जरूरत से अधिक कीटनाशक दवाइयां मौजूद होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खरीदारों ने भारत की स्वदेशी चाय खरीदने से साफ इनकार कर दिया है।

क्या कहती है PTI की रिपोर्ट.

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भारत के टी एक्सपोर्टर एसोसिएशन के चेयरमैन अंशुमान कनोडिया ने यह जानकारी दी है। दरअसल श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट की वजह से टी बोर्ड आफ इंडिया चाय के वैश्विक निर्यात में आई कमी को भारत अपनी तरफ से पूर्ण करना चाहता है। हालांकि कीटनाशक दवाइयों की अधिक मात्रा मौजूद होने के कारण चाय को नहीं खरीदा जा रहा है। अंशुमान कनेरिया ने पीटीआई को बताया कि, देश भर में जितनी भी चाय की बिक्री होती है वह बिक्री फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों के अनुकूल होनी चाहिए।हालांकि ज्यादातर खरीदार ऐसी चाय खरीद रहे हैं जिसमें बहुत अधिक मात्रा में कीटनाशक दवाइयां मौजूद हैं

पिछले साल भारत ने कई लाख किलो चाय का निर्यात किया

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रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 2021 में भारत ने लगभग अनुमान के मुताबिक 1 हजार 995 लाख किलो चाय का निर्यात किया था। यह निर्यात मुख्य तौर पर इंडिपेंडेंट स्टेट्स ऑफ कॉमनवेल्थ और ईरान जैसे देश को किया गया था। बोर्ड का लक्ष्य है कि इस साल इस निर्यात को बढ़ाकर 3000 लाख किलो का लक्ष्य हासिल किया जाए। कनोरिया ने आगे यह भी बताया कि बहुत सारे देश चाय की खरीदारी में बहुत बड़े कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर देश यूरोपीय यूनियन के नियमों के पालन के अनुसार कार्य कर रहे हैं जो फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों से भी बड़े हैं।

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चाय की निर्यात से भारत को होता है हजारों करोड़ों का फायदा

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कनेरिया ने यह भी कहा कि भारत के खरीददार फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी से नियमों में ढील करने की दरख्वास्त कर रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए ।अगर ऐसा होता है तो इससे विश्व भर में गलत संदेश जाएगा क्योंकि चाय को सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। टी बोर्ड के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि टी पैकर्स और निर्यातकों से उन्हें कई शिकायतें मिली हैं ।

उन्होंने बताया कि बोर्ड की तरफ से इस बात पर ज्यादा जोर दिया गया है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी के नियमों का पालन कड़ाई से किया जाना चाहिए। चाय के निर्यातकों को उन देशों के नियम भी मानने और समझने चाहिए जहां वह इस चाय को निर्यात कर रहे हैं।एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने साल 2021 में लगभग 5247 करोड रुपए की कमाई चाय निर्यात से की थी।

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