Sri Lanka Crisis: इतिहास में सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।खाने-पीने के सामान से लेकर डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की किल्लत से पूरा देश जूझ रहा है।परिवहन और विद्युत आपूर्ति ठप है।पेट्रोलियम पदार्थों की किल्लत से परिवहन बसें और अन्य वाहन जहां के तहाँ खड़े हैं।बिजली की अनुपलब्धता के चलते देश मे 10-10 घण्टे तक पावर कट किया जा रहा है जिससे आम-जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।राजधानी कोलंबो और अन्य शहरों में पुलिस और सेना लगी है।आलम ये है कि तमाम परिवार देश छोड़कर भारत या अन्य देशों की ओर कूच कर रहे हैं।
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बता दें कि श्रीलंका में जीवनोपयोगी आवश्यक वस्तुओं की अनुपलब्धता के चलते आम आदमी का जीना मुहाल है।कल रात राजधानी कोलंबो में भारी हिंसक प्रदर्शन हुए,झड़पें हुईं।राष्ट्रपति भवन की ओर जाने वाली सड़क पर 5000 लोगों का समूह प्रदर्शन करने निकला।आक्रोशित लोगों का समूह राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहा था।पुलिस से हुई झड़प से पहले हिंसक भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।पुलिस ने 45 लोगों को हिरासत में लिया जबकि 1 व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल है।
विदेशी कर्ज के बोझ तले दबा श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।इस वक्त महंगाई चरम पर है जिसे देश मे राजपक्षे परिवार की सरकार कम करने में विफल साबित हुई है।दरअसल श्रीलंका के लोग इस संकट के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।2020 में आये कोविड संकट की वजह से यह द्वीपीय देश बुरी तरह प्रभावित हुआ था।देश की आर्थिक रीढ़ माना जाने वाला पर्यटन उद्योग कोरोना संकट की वजह से ठप पड़ गया था जिसकी परिणति आज श्रीलंका में दिखाई दे रही है।कोविड काल में ही सरकार ने आयात पर प्रतिबंध लगा दिया ताकि विदेशी कर्ज चुकाया जा सके किंतु हालात सम्भलने की बजाय और बिगड़ते चले गए।
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मौजूदा दौर में श्रीलंका में चौतरफा हाहाकार मचा हुआ है।देश मे डीजल-पेट्रोल भंडारण खत्म हो चुका है।पेट्रोल पंपों पर लगी लंबी कतारों में खड़े लोग अपनी बारी का इंतजार करते हुए समूचा दिन वहीं गंवा दे रहे हैं और तब भी उनके हाथ निराशा ही लग रही है।एक व्यक्ति के अनुसार,”हमारे पास पैसे हैं लेकिन हम उनका उपयोग नहीं कर सकते न तो वाहनों के लिए डीजल-पेट्रोल खरीद सकते हैं न ही रसोई गैस भरवा सकते हैं।
“तेल और गैस की किल्लत के अलावा बिजली संकट भी श्रीलंका में गहराया हुआ है।जलाशयों में जल के निचले स्तर पर जाने और बिजली बनाने वाली मशीनों में डीजल अनुपलब्धता के चलते ठप पड़ा बिजली उत्पादन कार्य के चलते देश मे बिजली की किल्लत खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।आलम ये है कि 10-12 घण्टों का पावर कट दिया जा रहा है।अस्पतालों में भी अराजकता का माहौल है क्योंकि जीवनरक्षक दवाओं की कमी हो गयी है।
देश में राजपक्षे परिवार का शासन है।जहां राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे हैं वहीं प्रधानमंत्री उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे हैं जबकि उनसे छोटे भाई बासिल राजपक्षे वित्तमंत्री और सबसे बड़े भाई चमल राजपक्षे कृषिमंत्री हैं।भतीजे नमल राजपक्षे खेलमंत्री के पद पर आसीन हैं।लोग राजपक्षे परिवार पर देश का आर्थिक संकट दूर न कर पाने का आरोप लगा रहे हैं।प्राप्त सूत्रों के अनुसार मौजूदा संकट से निपटने के लिए श्रीलंका भारत अथवा चीन से कर्ज मांग सकता है इसके अलावा वह वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(IMF) से भी सहायता लेने पर विचार कर रहा है।प्राप्त सूत्रों के अनुसार वित्तमंत्री बासिल राजपक्षे जल्द ही अमेरिका का दौरा कर सकते हैं।