Unemployment in India : लगातार बढ़ती Unemployment in India के बीच मे एक नया मुद्दा प्रकाश में आया है जिस पर सभी प्रतियोगी छात्र एकजुट होते नजर आ रहे हैं और यह मुद्दा भर्तियों में उम्र सीमा को लेकर है,भ्रष्टाचार और अव्यवस्था जा शिकार भारतीय युवा किस तरह अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं यह हम आपको डिटेल में बताने वाले हैं कृपया पूरा लेख ध्यान से पढ़ें।
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Unemployment in India : सबसे पहले आपको बताते हैं कि इस नये विवाद का मुद्दा क्या है,तो आपको बता दें कि आप अच्छे से परिचित हैं कि भारत मे किसी भी विभाग में प्रतिवर्ष कोई भी भर्ती नही। होती है और इस वजह से तमाम अभ्यर्थी भर्ती की प्रतीक्षा करते करते ही ओवर ऐज हो जाते हैं और फिर जब वैकेन्सी आती है तो उम्र सीमा अधिम होने के कारण वह परीक्षा में बैठ नहीं पाते हैं, यही मुद्दा अब लगातार तूल पकड़ रहा है और इस विषय को लेकर छात्र एकजुट हो रहे हैं।
Unemployment in India आपको बता दें कि इस मुद्दे के केंद्र में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति है और उसने इस मुद्दे को उठाते हुये पुलिस प्रोन्नति एवं भर्ती बोर्ड और शासन को पत्र लिखकर यह माँग की है कि पुलिस आरक्षी और उपनिरीक्षक के संदर्भ में आयु सम्बन्धी इस समस्या का समाधान किया जाये।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने पत्र लिखते हुये यह मांग की है कि शासन पुलिस आरक्षी और उपनिरीक्षक पदों पर भर्ती प्रतिवर्ष करे ,इसके अतिरिक्त समिति की यह भी माँग है कि अगर किसी वर्ष ऐसा नहीं हो पाता है अथवा रिक्तियाँ नहीं है तो आगामी भर्ती में आयु की अधिकतम सीमा की गणना पूर्व भर्ती के आधार पर की जाये और पुलिस आरक्षी की अधिकतम आयु सीमा 22 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष और उप निरीक्षक की आयु सीमा बढाकर 30 वर्ष की जाये।
प्रतिवर्ष भर्ती अथवा आयु सम्बन्धी प्रवधानों की मांग के अतिरिक्त समिति की एक मांग और भी है,प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि उक्त पदों पर भर्ती हेतु प्रत्येक खण्ड से उत्तीर्ण होने के लिये 50 फीसदी अंकों की अर्हता को भी समाप्त किया जाना चाहिये,और यह भी माँग पत्र में शामिल किया गया है।
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आयु सम्बन्धी इस मुद्दे को उठाते हुये तर्क के तौर पर यह कहा जा रहा है कि अगर आईपीएस की परीक्षा की ट्रेनिंग 30 से 35 वर्ष के बीच की जा सकती है तो दरोगा में ऐसा नियम क्यों नही हो सकता और इसी तर्क को आधार बनाकर अब आयु सम्बन्धी नियम परिवर्तन की मांग लगातार तेज हो रही है और यह एक बड़े आंदोलन में भी बदल सकती है।
Unemployment in India भले ही यह माँग सिर्फ पुलिस भर्ती के लिये की गई है परंतु जिन कारणों और तर्कों को आधार बनाया जा रहा है उनसे यह बात स्पष्ट हो रही है कि यह समस्या प्रत्येक प्रतियोगी की है और ऐसा परिवर्तन प्रत्येक परीक्षा में होना चाहिये,बहरहाल यह माँग कहां तक जायेगी यह देखने का विषय है।