Top Rishest Village in World: भारत में गुजरात के कच्छ जिले में माधापर गांव एक ऐसा गांव है। जो दुनिया का सबसे महंगा गांव है। इस गांव में 7600 घरों के बीच 17 बैंक है। हालांकि इन बैंकों में गांव वालों की मोटी रकम के लिए भी जाना जाता है। यहां के मैक्सिमम लोग विदेश में रहते हैं। गांव की समृद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं। इसके साथ ही विदेशी मीडिया में भी इस गांव की खूब चर्चा हो रही।
बता दें कि मीडिया खबरों के अनुसार गांव के आधे से अधिक लोग लंदन में रहते हैं। वर्ष 1968 में लंदन में माधापर विलेज एसोसिएशन नामक संगठन बना है। साथ ही गांव का एक कार्यालय भी खोला गया। ताकि ब्रिटेन में रहने वाले लोग सभी माधापर गांव के लोग एक दूसरे से किसी न किसी सामाजिक कार्यक्रम के बहाने मिलते रहे। इसी तरह गांव में भी एक ऑफिस खोला गया।
जिससे वो लंदन से एक दूसरे से कनेक्ट रह सके। माधापर गांव के लोग विदेश से पैसा कमा कर गांव में जमा करते हैं। इसी के चलते ही गांव की 17 बैंकों में 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा है। आमतौर पर यहां के लोग लंदन, अमेरिका, कनाडा, केन्या, यूगांडा, मोजांबिक, दक्षिण अफ्रीका तथा तंजानिया केन्या चले गए एवं वहीं पर बस गए।
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इसी गांव के लोग अभी खेती-बाड़ी करते हैं। किसी ने अपना खेत नहीं बेचा। गांव में स्कूल तथा कॉलेज के साथ ही अत्याधुनिक गौशाला भी है। इसके साथ ही अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक हेल्थ सेंटर भी है। गांव की पोस्ट ऑफिस में 200 करोड़ रुपए फिक्स डिपाजिट है। गांव के लोगों की सुविधाओं के लिए ही कम्युनिटी हॉल भी है। इसके साथ ही नई झीलों, बांधो तथा गहरी बोर वाले आर्टिसियन कुओं के साथ यहां पर लोगों को पूरे वर्ष ताजा पानी मिलता है।
माधापर इतना समृद्ध गांव है कि पूरी दुनिया से लोग इसको देखने आते हैं। इसी गांव में प्ले स्कूल से लेकर इंटर कॉलेज की पढ़ाई हिंदी तथा इंग्लिश दोनों माध्यमों में होती है। गांव के लोग सभी समान एक जगह पर मिल सके इसके लिए भी गांव में ही एक शॉपिंग मॉल बनवाया गया। जहां पूरी दुनिया के बड़े ब्रांड है। गांव में तालाब भी है तथा बच्चों को नहाने के लिए शानदार स्विमिंग पूल भी।
इस गांव के लोग अभी भी खेती-बाड़ी करते हैं। किसी ने भी अपना खेत नहीं बेचा। गांव में स्कूल तथा कॉलेज के साथ ही अत्याधुनिक गौशाला भी है। गांव का अपना कम्युनिटी हॉल भी है। मंदिरों तथा खेल के मैदानों के अलावा भी विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला एक स्वास्थ्य केंद्र भी है।
वर्ष 1968 में लंदन में माधापर विलेज एसोसिएशन नामक संगठन का गठन किया गया था। दफ्तर इसलिए खोला गया ताकि माधापर गांव के लोग आपस में मिल सके। इस तरह गांव में एक कार्यालय खोला गया था ताकि लंदन से सीधा संपर्क भी बना रहे। ये यूके में रहने वाले गांव के लोगों को एक करीबी समुदाय बनाने और संस्कृति तथा मूल्यों को जीवित रखने में भी मदद करता है।