Nadwa Madarsa Survey: Darul Uloom Nadwa Lucknow, सरकार के आदेश पर यूपी में मदरसों के सर्वे शुरू हो चुके हैं। गुरुवार को लखनऊ के दारुल उलूम नदवा (Darul Uloom Nadwa Lucknow) में भी सर्वे टीम पहुंची थी। नदवा कॉलेज का शुमार देश के बड़े मदरसों में होता है। इस सर्वे में 12 बिंदुओं पर सवाल केंद्रित होंगे। दारुल उलूम नदवा (Nadwa Survey) ने भी इस सर्वे का स्वागत करते हुए कहा कि, हम इस सर्वे का खुले दिल से स्वागत करते हैं। सरकार जो भी जवाब चाहती है हम सारे जवाब देने के लिए तैयार हैं। उम्मीद है कि सर्वे से मदरसों की स्थिति बेहतर होगी।
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सर्वे टीम (Nadwa Madarsa Survey Lucknow) ने नदवा प्रबंध कमेटी के सदस्य मौलाना इस्माइल भोला, डॉ. शुएब कुरैशी, नदवा के उप प्रधानाचार्य मौलाना अब्दुल अजीज भटकली और नदवा सचिव के सलाहकार मौलाना कमाल अख्तर नदवी से 11 बिंदुओं पर जानकारी लेकर और कागजात एकत्रित किए। साथ ही सर्वे टीम ने कक्षाओं का निरीक्षण और लाइब्रेरी का भी दौरा भी किया। एसडीएम और डीएमओ ने जानकारी देते हुए रिपोर्ट दी कि सभी बिंदुओं पर जिम्मेदारों ने जानकारी देने के साथ ही कागजात भी मुहैया कराए हैं। साथ ही सोन कुमार ने बताया कि यहां क्लासरूम काफी बड़े हैं और छात्रों की संख्या भी योग्य है।
नदवा (Darul Uloom Nadwa Lucknow) के सलाहकार मौलाना कमाल अख्तर नदवी ने टीम को बताया कि करीब 124 साल पुराना दारुल उलूम नदवतुल उलमा कौम के चंदे से संचालित हो रहा है। यहां इस्लामी शिक्षा के साथ ही आलिम स्तर तक NCERT के अनुसार शिक्षा मुहैया की जा रही है। वहीं कंप्यूटर और अंग्रेजी भाषा पर खास जोर दिया जाता है।
मौलाना कमाल अख्तर नदवी ने बताया कि नदवा को लखनऊ विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया इंटर तक की मान्यता और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्नातक की मान्यता देता है। आगे उन्होंने बताया कि यहां 11 छात्रावास और 40 क्लासरूम बने हुए हैं। वर्तमान में नदवा में 2410 छात्रों को 81 शिक्षकों द्वारा शिक्षा दी जा रही हैं। मदरसे का संचालन कौम के चंदे से हो रहा है। यहां मुख्य रूप से इस्लामी तालीम दी जाती है।
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मदरसों के सर्वे को लेकर बन रही भ्रम की स्थिति पर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने सफाई देते हुए कहा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे को किसी भी रूप में जांच न समझे। इस सर्वे का का मकसद मदरसों सही संख्या का पता लगाना है, जिससे जरूरत पड़ने पर उनको सुविधाएं मुहैया की जाएं।
इसी दौरान सपा प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (akhilesh yadav) ने ट्वीट किया जिसमें नदवा में हो रहे सर्वे का जिक्र तो नहीं है लेकिन उनका संकेत साफ नजर आ रहा था।
अखिलेश ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘किसी भी सम्मानित धार्मिक-मज़हबी स्थान का सर्वे करवाना यदि न्यायपूर्ण नहीं है तो ये आस्थाओं को गहरी चोट पहुंचाता है। इंसाफ़ ही सबसे बड़ा धर्म होता है।’