युपी में जारी टोपी वाली सियासत की झांखी आज राजधानी दिल्ली में भी नजर आई । राज्यसभा सांसद जया बच्चन आज संसद पहुंचीं तो उनके सिर पर लाल टोपी थी। इतना ही नहीं उन्होंने निलंबित हुए सभी सांसदों को लाल टोपी पहनाई थी है। किंतु, उन्होंने कांग्रेस सांसदों को यह टोपी नहीं पहनाई। जया बच्चन के अलावा बुधवार को अखिलेश यादव, समेत कई नेता भी लाल टोपी में दिख रहे थे। आप को बता दे की इस अनोखे विरोध का कारण यह है की, गोरखपुर में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम ने सपा की चुटकी लेते हुए कहा था कि लाल टोपी का मतलब रेड अलर्ट होता है।
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इस विरोध प्रदर्शन से पहले सपा सांसद जया बच्चन ने पीएम मोदी के खिलाफ आक्रमक रुख अपनाते हुए कहा था कि जब भी मुजे यह मौका मिलता है मैं लाल टोपी पहनती हूं। बंगाल चुनाव के दौरान भी मैंने लाल टोपी ही धारण की थी क्योंकि मुझे लाल टोपी पर गर्व है, मैं काली टोपी नहीं पहनती हु। लाल टोपी को अलर्ट की घंटी कहने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बोलने से क्या होता है, आपका काम बताएगा।
बृहस्पतिवार को समाजवादी पार्टी के विश्वंभर प्रसाद निषाद ने किसानों की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग करते हुए राज्यसभा में कहा कि किसानों की अन्य समस्याएं भी हैं जिनका समय पर ही समाधान करना बेहद जरूरी है।
उच्च सदन में विशेष उल्लेख के जरिये इस मुद्दे को सवाल बनाते हुए निषाद ने कहा ‘‘महंगाई का सीधा असर कृषि पर हो रहा है और बीज, खाद, कीटनाशक आदि सभी कुछ महंगा हो गया है। फसल चक्र के लिए बारिश का बहुत ही महत्व होता है। लेकिन देश में कुछ हिस्से में सामान्य, कुछ में अत्यधिक और कुछ में बहुत ही कम बारीश होती है जिसका असर फसलों पर ही होता है। पिछले दिनो हुई बेमौसम बारिश से भी फसलों को नुकसान हुआ है।’’
उन्होंने आगे कहा ‘‘तमाम परेशानियों के बाद फसल तैयार होने पर किसानों को उसका योग्य मूल्य नहीं मिल पाता है। इन कठिनाइयों को देखते हुए सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के साथ ही अन्य समस्याओं का भी समय रहते समाधान करना चाहिए।’’