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Rajasthan Politics: राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने अपने पद से दे दिया इस्तीफा

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राजस्थान की राजधानी जयपुर में मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत के आवास पर शनिवार को हुई राजस्थान मंत्रिपरिषद की बैठक में गहलोत मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कल रविवार को पीसीसी की बैठक होनेवाली है। इस बैठक के समापन के बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल कलराज मिश्रा की मुलाकात की भी संभावना है। आज की बैठक शाम करीब सात बजे शुरू हुई थी। सूत्रों ने दी जानकारी के अनुसार शपथ समारोह रविवार को होने की संभावना है। गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी और रघु शर्मा ने शुक्रवार को हीकांग्रेस अध्यक्ष  सोनिया गांधी को लिखित में अपना इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले आज शनिवार को, गहलोत और राजस्थान के लिए एआईसीसी महासचिव अजय माकन साथ-साथ पीसीसी प्रमुख डोटासरा ने किसान विजय दिवस सभा को संबोधित किया था। इसके बाद गहलोत और माकन ने एक होटल में मिटिंग की थी।

जानें, आखिर क्या है रणनीति

सूत्रों के मुताबिक, सभी मंत्रियों के इस्तीफे देने के बाद जिन्हें मंत्री पद से हटाना है। उन सभी के इस्तीफे का स्वीकार कर लिया जाएंग और जिन्हें पद पर बरकरार रखना है, उनके  इस्तीफे का अस्वीकार किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, राज्यमंत्री भजनलाल जाटव, राजेंद्र यादव और सुखराम बिश्नोई के इस्तीफे का स्वीकार किए जाने की संभावना हैं। 200 सदस्यीय विधानसभा के 15 फीसद यानी 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। विधानसभा के नौ पद तो पहले से खाली हैं। शुक्रवार को तीन मंत्रियों के इस्तीफों के बाद अब  विधानसभा के खाली पदों की संख्या 12 हो गई। इन तीन मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये जाने के बाद खाली पदों की संख्या 15 हो जाएगी। सीएम और माकन के बीच हुई चर्चा में 12 नए मंत्री बनाए जाने को लेकर भी सहमति बनी है। मंत्रियों के तीन पद खाली भी रखे जा सकते हैं। इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय सोमवार तक होने की उम्मीद है।

गहलोत ने दिया था फेरबदल का संकेत

 

अजय माकन बीती रात जयपुर थे पहुंचे और पार्टी के लिए काम करने की इच्छा रखने वाले तीन मंत्रियों के इस्तीफे के बारे में संवाददाताओं को जानकारी डी थी। जबकि इन तीनो में डोटासरा पीसीसी प्रमुख हैं। हरीश चौधरी और रघु शर्मा क्रमशः पंजाब और गुजरात में पार्टी के मामलों के प्रभारी हैं। उनके इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 21 से घटकर 18 हो गई थी।  अब राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 30 मंत्री हो सकते हैं। वैसे तो  राज्य  में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे ने अपने समर्थकों को सरकार में शामिल करने की मांग के साथ कई महीनों से फेरबदल की मांग उठाई थी। कांग्रेस विधायकों के अलावा, सरकार का समर्थन करने वाले निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को भी फेरबदल से बडी उम्मीदें हैं। गहलोत ने हाल ही में संकेत दिया था कि जल्द ही फेरबदल किया जाएगा। 

 

 

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