भारत में भारत की महिलाएं, इनका किसी भी पराये पुरुष से बात करना भी इनके परिवार को गवारा नहीं होता, लेकिन जब बात आती है शादी करके घर बसाने की तो इन्हे एक पराये पुरुष के साथ पूरी जिंदगी बिताने के लिए छिड़ दिया जाता है |
भारत के धार्मिक पुस्तकों में और सभ्यता संस्कृति में महिलाओं के सम्मान के कई किस्से सामने आते है कहते है, महिला अपने कई रूपों में समाज के सामने आती है, कभी माँ के रूप में अपने खून का टुकड़ा पीला पीला कर एक बालक को पुरुष का रूप देती है, वहीं महिला पत्नी के रूप में एक पुरुष के सुख दुख में साथ रहकर उसके जीवन को सरल बनती है पुरुष के जीवन का एक पहिया बन कर उस के जीवन को सफल बनाने में जुटी रहती है, वहीं महिला एक बहन के रूप में उसको देर सारा प्यार देकर भगवान से उस के जीवन के हर समस्या को आसान करने के लिए व्रत पूजा पाठ करती है , वहीं महिला एक बेटी के रूप में पुरुष की खुल मर्यादा का बोझ अपने कंधे पर धोती है और अपने घर के साथ साथ एक और घर को सफल बनाना के लिए अपनी जिंदगी कों निछावर कर देती है।
आजकल की लड़कियों के बारे में आप की क्या राय है लड़कियों की स्थति सुधरी नहीं है कुछ संतोष जरूर हुई है पहले की अपेक्षा समझ थोडी तो आधुनिक जरूर हुई है अब लड़कियों को पढ़ने की छुट मिल रही है और अपने करियर में जो बनना चाहती है वो बन पा रही है इस तरह कुछ हद तक तो छुट मिल रही है, घर की चौखट से बाहर निकाल कर अब आसमान में उठ रही है हर जगह अपने नाम का परचम लहरा रही है |
यहां भी एक समस्या है लड़कियों को पढ़ाने के पीछे और अपने करियर में छुट देने की वजह आप ये मत समझ लीजिएगा कि लड़कियों को अपनी जिंदगी में अपने फैसले में छुट मिल गई ऐसा बिल्कुल भी नहीं है आज भी लड़कियों पर अपनी सोच बार बार कई तरीकों से थोपा जाता है |
आज जब लड़की अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण फैसला लेना चाहती है यानी वो अपनी जिंदगी किस के साथ बिताना चाहती है तो उन को कितना कुछ सहना पड़ता है पिता की नाक और कुल मर्यादा के खातिर आपने सपनों और अपनी इच्छा का गला घोटना पड़ता है और जो लड़की ऐसा नहीं करती है जो अपने सपनों के साथ धोका नहीं करती है उन के साथ ये समाज क्या करता है उस के चरित पर ऊँगली उठता है उसके बारे में इतना भला बुरा कहता है जैसे उस ने ऐसा क्या कर दिया है अगर गलती से लड़की ने किसी दूसरी जाति में शादी कर ली तो भईया पाप ही कर दिया है, अपनी पसंद से शादी करने की वजह से पिता, परिवार, समाज उस का दुश्मन बन जाता है, अपनी मर्जी से शादी कर अपना पति चुनने का हक उन को कोई नहीं देता है, सामाजिक परम्पराओं और जाति की बेड़ियों को तोड कर कैसे शादी कर ली इस वजह से पिता जान का दुश्मन बन जाता है और उस को मार कर अपनी खोई मर्यादा को वापस पा लेना चाहता है, जाति से प्यार इतना है कि जाति से बाहर शादी का हक तो लडको को भी नहीं दिया जाता है अपनी ही जाति में विवाह होना चाहिए उस के लिए कुछ भी करना पढ़े जान लेना पढ़े सविधान के खिलाफ जाना पढ़े कुछ भी करना पढ़े, करेंगे | ये मानसिकता आज समाज की है |
आप को बता दे हमारा सविधान क्या कहता है, सविधान की धारा १९ और 20 के अंतर्गत अगर दो वस्यक वक्ती विवाह में प्रवेश करने के लिए सहमत है तो परिवार या समुदाय या काबिले की सहमति की जरूरत नहीं |
18 साल बाद हम सरकार तो चुन सकते है लेकिन जीवन साथी नहीं, आधुनिक भारत 21 वीं सदी का हिंदुस्तान जहां एक बालिक लड़का और लड़की अपनी मर्जी से शादी नहीं कर सकता है कितना आधुनिक है हमारा भारत |
आइए आप को अब बताते है हम कितना आधुनिक बन रहे है |
एक महीने में इक्कीस से ज्यादा ऐसी घटना जिसमें लड़की या लडको में किसी को जिंदा मार दिया जाता सिर्फ इसलिए क्युकी किसी और जाती में शादी की |
यू पी में सात हत्या होती है वजह अंतर जाति विवाह |
आहमदबाद के वरमुर गांव का हरिकेश सिंह सोलंकी एक 25 साल का दलित युवक उमिर्ला जाला जोकि उच्च जाति की लड़की थी दोनों को आपस में प्यार होता है दोनों शादी भी कर लेते है पर उन की शादी परिवार वालो को बर्दाश्त नहीं होती है लड़की को जबरदस्ती अपने घर लेते जाते है और जब सोलंकी पुलिस की मदद लेकर उर्मिला को लेने उस के घर जाता है तो घर वाले उस को विदा तो नहीं करती है पर जब लड़की के पिता और भाई को पता चलता है हरिकेश पुलिस की गाड़ी में है तो पुलिस के सामने उस को मार मार कर जान ले लेते है | और वो भी उस वक़्त जब ऊर्मिला पेट से होतीे है मौत की वजह अन्तरजाति विवाह |
इन्दौर मध्य प्रदेश के रवतगाव की बुलबुल ने अपने गाव के 24 साल के दलित से शादी कर ली, उसके भाई ने अपनी गर्भवती बहन की हत्या कर दी |
28 जून को रेवाड़ी हरिया चिंटू और हेमवती और उसके बच्चे सब को मौत के घाट उतार दिया जाता है, वजह अंतरजाती विवाह।
हाल ही हटना उत्तर प्रदेश के बरेली से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा के मामले को लेकर छिड़े विवाद के बाद प्रयागराज की अग्रवाल और अमरोहा की अनामिका ने लव मैरेज कर परिवार पर गाभीर आरोप लगाया। तीनों मामले में परिवार के मर्जी के बिना अपने प्रेमी से शादी रचाई गई । इसके बाद वीडियो जारी कर मां बाप से जान का खतरा का आरोप लगाई,
बहुत से लोग साछी मिश्रा के घटना को सही या ग़लत बताने आ गए बहुत से धर्म गुरु शादी को गलत बता रहे थे बेटी को पिता के आदेश के खिलाफ शादी नहीं करनी चाहिए, कुछ ने लड़के को गलत बताया उसको नसे बाज और व पता नहीं क्या क्या कहा गया, यहां एक बात और समझना चाहिए पिता अपनी बेटी के लिए बहुत से ऐसे फैसले ले लेते है जो हर बार सही नहीं निकलते है कभी कभी सही और सोच समझ कर की गई शादी भी गलत हो जाती है दहेज के लिए लड़की को जबरदस्ती जाला दिया जाता है और उस को मारा पिटा जाता है
तो अगर साक्षी अपने लिए गलत फैसला लेना चाहती है तो उन को इसकी भी छुट मिलनी चाहिए कि वो एक गलत फैसला ले और उस को सही करने की कोशिश करे |
आंकड़ों की बात की जाये तो जान के हैरानी होगी आपको की पिछले 4 सालों में 400 से ज्यादा मर्डर सिर्फ उन लड़के और लड़की के हुवे हैं जिन्होंने ने अंतर जाती विवाह किया था |
शर्मसार करते आकड़े
और आगे हमें दुःख इस बात का भी है की 2017 से कोई भी आकड़े जारी नहीं किये जा रहे हैं |
वीडियो देखें :-