Rakesh Jhunjhunwala: शेयर बाजार (Stock Market) हमेशा जोखिमों से घिरा रहता है। यहां अक्सर ऐसा होता है कि तगड़ी कमाई करने वाले लोगों के नाम घोटालों के साथ जुड़ते रहे हैं, जिससे निवेशकों के मन में हमेशा ही एक तरह का संदेह भी हावी रहता है।
इस पोस्ट में
लंबे समय तक साफ-सुथरी इमेज के साथ स्टॉक मार्केट में एक्टिव रहने वाले दिवंगत राकेश झुनझुनवाला इंडियन स्टॉक मार्केट के नए ‘बिग बुल’ कहे जाते थे। Rakesh Jhunjhunwala से पहले यह तमगा केतन पारेख और हर्षद मेहता जैसे बड़े-बड़े निरीक्षकों के पास रहा था लेकिन इसके बावजूद उन दोनों दिग्गजों के नाम भी समय-समय पर अलग-अलग घोटालों से जुड़ते रहे थे। निवेशक को को लेकर अलग तरह की सूझबूझ रखने वाले झुनझुनवाला को ‘भारत का वॉरेन बफेट’ कहा जाता था।
निवेश को लेकर सबसे अलग सोच समझ रखने वाले Rakesh Jhunjhunwala के बहुत बड़ी-बड़ी हस्तियों से करीबी ताल्लुक रहे हैं। वैसे भले ही उनका नाम कभी शेयर मार्केट के घोटालों से नहीं जुड़ा लेकिन वह भेदिया कारोबार के कुछ मामले में अक्सर ही जुड़े रहे थे। साथ ही कुछ बड़ी घटनाओं के पहले शेयरों की खरीद बिक्री को लेकर भी उनका रवैया सवालों के घेरे में रहा था।
पिछले साल की बात की जाए तो दिवंगत झुनझुनवाला ने एप्टेक से जुड़े एक सीक्रेट बिजनेस के मामले का निपटारा 37 करोड रुपए के भुगतान पर सहमति के साथ किया था। इसके अलावा साल 2021 में सोनी पिक्चर के साथ अधिग्रहण के फैसले से पहले भी इंटरप्राइजेज के शेयरों में तगड़ा निवेश कर उन्होंने थोड़े ही समय में 70 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाने पर भी कई तरह की शंकाएं उठी थी। इन सभी मामलों के बावजूद भी झुनझुनवाला की खासियत उनका शोध-आधारित शेयर सिलेक्शन ही रहा था।
इंडियन होटल्स और टाइटन कंपनी जैसे शेयरों पर लगाए गए उनके सोचे-समझे दांव ने ही उन्हें इंडियन स्टॉक मार्केट का बड़ा नाम बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। हालत तो यह हो गई कि झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) के पोर्टफोलियो में शामिल शेयरों को लेकर उनके हर कदम पर निवेशकों की तेज नजरें रहती। वैसे एक बात यह भी है कि ढांचागत क्षेत्र में झुनझुनवाला के कुछ निवेश कारगर साबित नहीं हुए, लेकिन भरपाई उनके बाकी शेयर करते ही रहे थे।
Rakesh Jhunjhunwala का शुमार उन लोगों में होता था जो दो टूक रवैया अपनाते हुए कभी नहीं हिचकिचाते । जब भी कभी किसी कंपनी ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया था तब एक निवेशक के तौर पर झुनझुनवाला ने काफी सख्त रुख अपनाया था। इन सभी कंपनियों के प्रबंधन से एक कड़े सवाल पूछने से कभी भी नहीं परहेज करते थे। खुलकर अपनी बात रखना और चुटीला अंदाज उनकी सबसे बड़ी खासियत रहा था। अन्य से निवेशकों की तुलना में उन्हें सार्वजनिक तौर से अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने में कोई परहेज या हिचकिचाहट नहीं रही थी।
बाप रे! मक्का के छिलके से लाखों कमा सकते हैं कभी सोचा नहीं था
पाकिस्तान के खिलाफ भारत को मिली जीत से गरमाया सोशल मीडिया का माहौल, यूज़र्स ने शेयर किए मजेदार मीम्स
उन्होंने कई सम्मेलन में शामिल होकर खुलकर शिरकत भी की थी। यहां तक कि वह स्टॉक मार्केट के इधर गतिविधियों पर भी अपनी राय रखने के लिए फेमस थे। कई बार उनका नजरिया सत्तारूढ़ सरकार के रुख से भी मेल खाता था। यही सबसे बड़ी वजह है कि पिछले साल जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए पहुंचे तो किसी को ज्यादा अचरज नहीं हुआ था।
जिंदगी के अंतिम दिनों में झुनझुनवाला ने जिस ‘आकासा एयरलाइन’ को शुरू करने के लिए पूरी कोशिश की। वह पिछले हफ्ते ही अपनी पहली उड़ान के साथ अपने मुकाम पर भी जा पहुंची थी। Rakesh Jhunjhunwala अक्सर निवेशकों को अटकलबाजी से बचने और शेयरों के बारे में पूरी पड़ताल करने की सलाह देते थे। झुनझुनवाला निवेशकों को रोजमर्रा के शेयर कारोबार के बजाय दीर्घकालिक निवेश को अधिक तरजीह देते थे। वे अक्सर कहा करते थे कि कोई भी शख्स मौसम, मौत और मार्केट के बारे में कोई अनुमान लगा हघ नहीं सकता है। उनकी यह बात सच साबित हुई और 14 अगस्त की सुबह ही दिल का दौरा पड़ने से वे इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए।