MMMUT: ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि डिजिटल यूनिवर्सिटी इसी साल अगस्त से काम करने लगेगी। जिसमें अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। हालांकि इस मसले पर शिक्षा मंत्रालय की तरफ से यूजीसी, एआईसीटीई सहित कई अलग-अलग एजेंसियों के साथ बैठक हो चुकी है।
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दरअसल अब डिजिटल यूनिवर्सिटी को लेकर छात्रों को लंबा इंतजार नहीं करना होगा। इनमें डिग्री या डिप्लोमा सर्टिफिकेट समेत सारे कोर्सों की पढ़ाई होगी। इसके साथ ही साथ सीट की संख्या संबंधी किसी भी तरह की कोई भी पाबंदी नहीं रहेगी। डिजिटल यूनिवर्सिटी को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी कि यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद समिति शिक्षा से जुड़े दूसरे अलग-अलग एजेंसियों तथा विशेषज्ञों के साथ अभी तक करीब अनगिनत बैठक कर चुका है।
MMMUT यानी कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय राज्य का ऐसा पहला डिजिटल विश्वविद्यालय बन सकता है। यूजीसी आने की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। अब नेट की ए ग्रेड के लिए आवेदन करने का भी मौका दिया जाएगा। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को नैक की ए ग्रेड मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।
डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए अभी तक नैक से ए प्लस ग्रेड की जरूरत थी। वहीं पर एनआईआरएफ यानी कि नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क की 100 नीचे रैंकिंग अनिवार्य है। प्रदेश में अब तक किसी भी राज यूनिवर्सिटी के पास दोनों अर्हता नहीं है। नए नियम के अंतर्गत दोनों में एक की अर्हता होनी चाहिए।
दरअसल मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नैक की टीम मूल्यांकन के लिए निरीक्षण कर चुकी है। अभी ग्रेडिंग मिलनी बाकी है। हालांकि विश्वविद्यालय ने नैक की शर्तों पर अपना मूल्यांकन कराया है। जिसमें से ए ग्रेड या फिर इससे ऊपर मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा भी सारे विभागों में इस स्मार्ट क्लास तैयार हैं। अभी उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म में तैयार करना है। इसी संबंध में तैयारियां चल रही है।
कम्युनिटी चैनल, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, एक क्लाउड सर्वर, डिजिटल क्लास जहां सारी चीजें आएंगी। जबकि फोर्स पर कुलम को भी मॉडिफाई करना होगा। अगर विद्यर्थी संस्थान बदलता है तो भी समेस्टर में मिलने वाले क्रेडिट को ट्रांसफर करना पड़ेगा। हालांकि इसका बैकअप भी बनाना पड़ेगा।
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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफ़ेसर जेपी पांडेय ने यह कहा है कि विश्वविद्यालय डिजिटल बनने की तैयारियां कर रहा है। जैसे ही विश्वविद्यालयों को नैक की ग्रेडिंग प्राप्त होगी, इसी दिशा में काम आरंभ होगा। डिजिटल यूनिवर्सिटी होने से संबंध कालेजों का भी बहुत फायदा होगा। इससे विद्यार्थियों को भी डिजिटल एजुकेशन का लाभ मिलेगा। जब की पढ़ाई सस्ती हो जाएगी तथा कॉलेजों को इंफ्रास्ट्रक्चर व फैकेल्टी कम खर्च करना पड़ेगा
MMMUT बता दें कि मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक अप्रैल तक डिजिटल यूनिवर्सिटी का पूरा स्वरूप तय कर लिया जाएगा। इसी बीच के शुरू होने से छात्रों की अच्छे संस्थानों में पढ़ने की चाहत भी पूरी होगी। पहली जहां पर इन संस्थानों में सीटों की संख्या सीमित रहने से कई छात्रों को मनपसंद यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं मिल पाता था। वहीं पर अब इस डिजिटल यूनिवर्सिटी के शुरू होने के बाद से यह सारी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।