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ऐसा क्या हुआ कि kamal nath ने नेता प्रतिपक्ष पद से दे दिया इस्तीफा; क्या कांग्रेस ‘बड़े गेम’ की तैयारी में है ?

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kamal nath: मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में कमलनाथ का नाम नया नहीं है । वह पिछले कई दशकों से MP कांग्रेस सहित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के चहेतों में रहे हैं । बात सोनिया गांधी की हो या राहुल अथवा प्रियंका गांधी की, कमलनाथ गांधी परिवार का विश्वास जीतने में कामयाब रहे हैं । यही वजह है कि मध्यप्रदेश में पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद कांग्रेस थिंक टैंक ने विरोधों के बावजूद तत्कालीन कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बजाय कमलनाथ को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी । यही नहीं उनके हाथों में MP कांग्रेस की बागडोर भी रहने दी ।

2 वर्ष पहले जब महाराज जी (ज्योतिरादित्य सिंधिया) ने कांग्रेस से बगावत की और अपने विधायकों को लेकर गुपचुप तरीके से बीजेपी में शामिल हुए और MP में कांग्रेस सरकार गिर गयी तब भी कांग्रेस आलाकमान का kamal nath पर से भरोसा कम नहीं हुआ । मध्यप्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए kamal nath को नेता प्रतिपक्ष पद से हटा लिया गया है। जाहिर है कि कांग्रेस उन्हें विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभाते देखने की बजाय आगामी चुनावों के लिए प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने हेतु उपयोग करना चाहती है ।

वैसे भी 2 पदों को लेकर सवाल उठ ही रहे थे

कांग्रेस महासचिव KC वेणुगोपाल ने आज एक पत्र जारी कर कमलनाथ को इस बात से अवगत करा दिया है कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है । वहीं मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनके उत्तराधिकारी की भी घोषणा कर दी है । बता दें कि kamal nath पर दो पदों में होने के लिए अन्य दल उंगलियां उठाते रहे हैं । kamal nath ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष होने के साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभाते आ रहे थे जिस पर अन्य दल उनको लेकर हमलावर रहते थे ।

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गोविंद सिंह होंगे अगले नेता प्रतिपक्ष

kamal nath के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफे के बाद जैसी कि उम्मीद थी कांग्रेस ने भिंड जिले के लोहार विधानसभा सीट से निर्वाचित और सात बार के विधायक डॉ गोविंद सिंह को अगला नेता प्रतिपक्ष चुना है ।

इसी के साथ कांग्रेस ने एक तीर से 2 शिकार कर लिए हैं । बता दें कि कमलनाथ को राज्य में अगले चुनावों के मद्देनजर पार्टी तैयार रखना चाहती है जबकि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर एक व्यक्ति दो पद के सिद्धांत पर न चलने को लेकर आलोचना पहले से ही हो रही थी ऐसे में डॉ गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाने का कांग्रेस पर एक तरह से दबाव ही था ।

kamal nath ने ट्वीट कर दी बधाई

पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने अपने उत्तराधिकारी डॉ गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष की बधाई देते हुए लिखा,” वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह जी को शुभकामनाएं। उम्मीद करता हूँ कि वे नई जिम्मेदारी का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।”

बीजेपी भी चाहती थी कि गोविंद सिंह विपक्ष की भूमिका निभाएं

दरअसल मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी भी चाहती थी कि लहर से विधायक और पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका अदा करें । वहीं गोविंद सिंह ने नेता प्रतिपक्ष बनने पर कहा कि वह पहले भी विधायक थे और अब भी विधायक ही रहेंगे ।

उन्होंने कहा कि वह पहले भी जनता के मुद्दे सदन में उठाते रहे हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे । उन्होंने कहा कि वह नई मिली जिम्मेदारी को निभाते रहेंगे। 7 बार के विधायक डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी उन्हें दी है वह सदन में विपक्ष के रूप में पूरी मजबूती से उठाते रहेंगे।

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