Tomato Flu: कोरोना वायरस के बाद देश में अब एक और वायरल बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है । टोमेटो फ्लू नाम की इस वायरल बीमारी के कई मामले सामने आ चुके हैं वहीं केंद्र सरकार ने अब इस तेजी से फैलती बीमारी को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी है । सरकार ने इस बीमारी को लेकर विस्तृत रिपोर्ट जारी कर इसके लक्षण और बचाव के बारे में भी विस्तार से बताया है । साथ ही इसके लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है । ऐसे में अगर आप नहीं जानते कि टोमेटो फ्लू क्या है और इससे कैसे बचा जाए तो इस आर्टिकल में पूरी जानकारी दी जाएगी ।
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Tomato Flu एक वायरल डिसीज है । इस बीमारी में प्रभावित व्यक्ति के शरीर मे टमाटर जैसे फफोले पड़ जाते हैं । जहां सबसे अधिक इस संक्रमण से बच्चे प्रभावित हो रहे हैं वहीं यह एक वायरल बीमारी भी है जो एक से दूसरे में फैल रही है । बता दें कि टोमेटो फ्लू के लक्षण आम वायरल इंफेक्शन जैसे ही होते हैं जहां इस बीमारी में शुरुआत में हल्का बुखार आता है फिर बाद में गले मे हल्की खराश शुरू हो जाती है । वहीं बुखार से 2 या 3 दिन बाद शरीर पर लाल रंग के छोटे छोटे दाने निकल आते हैं जो बाद में टमाटर जैसे चकत्ते या फफोले जैसे हो जाते हैं ।
इस वायरल बीमारी के लक्षण भी आम वायरल इंफेक्शन जैसे ही होते हैं और इसके लक्षण बुखार, गले मे खराश,रैशेज, जोड़ो में दर्द, थकावट, जोड़ों में सूजन आदि हैं । ज्यादातर यह फ्लू 10 साल से कम के बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है । इस फ्लू की शुरुआत में हल्का बुखार आता है और गले मे खराश शुरू हो जाती है । इसके 2 या 3 दिन बाद शरीर पर खासकर मुंह के अंदर हल्के लाल रंग के दाने निकल आते हैं जो बाद में बड़े होकर टमाटर के आकार के फफोलों में बदल जाते हैं । इसके ज्यादातर छाले मुंह के अंदर मसूड़ों या जीभ में देखने को मिलते हैं ।
Tomato Flu एक वायरल इंफेक्शन है जो एक से दूसरे में फैलता है । बता दें कि इसके सबसे अधिक मामले केरल में दर्ज किए गए हैं । यह 10 साल से कम के बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है । ऐसे में सरकार सबसे अधिक बच्चों के लिए चिंतित है और इस वायरल बीमारी के रोकथाम के लिए प्रयास कर रही है । बता दें कि सरकार ने एडवाइजरी जारी कर इसके बचाव के उपाय बताए हैं जो कि निम्न हैं –
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यदि आपको लग रहा है कि बच्चा इस वायरल फ्लू की चपेट में आ गया है तो बच्चे या प्रभावित व्यक्ति की तुरंत जांच करवाएं । इस फ्लू का पता Respiratory Samples के जरिये आसानी से लगाया जा सकता है । वहीं बीमारी के 48 घण्टे के भीतर सांस के नमूने दिए जा सकते हैं । इसके अलावा मल के नमूनों से भी इस फ्लू का पता लगाया जा सकता है लेकिन ये नमूने बीमारी के 48 घण्टे के भीतर लेना जरूरी है ।
बता दें कि टोमैटो फ्लू पर रिसर्च जारी है और अभी तक इसकी अलग से कोई दवा नहीं बनी है । इस फ्लू की चपेट में आने वाले लोगों को वही दवा दी जा रही है जो वायरल में दी जाती है । बता दें कि अभी तक ज्यादातर केसेज़ 10 साल की उम्र से कम के बच्चों में देखने को मिले हैं वहीं जुलाई तक भारत मे सबसे अधिक 82 मामले आये हैं ।जिनमें से ज्यादातर केरल से हैं । वहीं अब तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार भी सतर्क हो गयी है । बता दें कि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि टोमैटो फ्लू किस वायरस के चलते फैल रहा है ।