गिड़ा प्रशासन को 62 लाख में बेची गई किसानों की जमीन,
भिटी रावत निवासी रामगति और गंती ने अफसरों से शिकायत
किसान को पता नहीं चला और उसके हिस्से की 1 एकड़ जमीन गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के नाम कर दी गई। मुआवजे के तौर पर गीडा ने 62 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया।
खतौनी में गीडा का नाम दर्ज होने के बाद किसान को इस फर्जीवाड़ा के बारे में पता चला ।किसान की शिकायत पर गिडा प्रशासन मामले की जांच में जुटी है ।प्रथमदृष्टया मामले में धोखाधड़ी किए जाने की बात सामने आई है। विभाग के विभाग ने धोखाधड़ी करने वालों को भी चिन्हित कर लिया है।
सहजनवा तहसील के भीटी रावत निवासी अमर यादव ने 3 पुत्र कोदई , पुरई,तथा रामगति उर्फ गांती है। अमर की मौत के बाद उनके नाम दर्ज 3 एकड़ जमीन 3 पुत्र के नाम कर दी । गीडा की तरफ से भी भीटी रावत में लॉकडाउन से पहले किसान से अधिग्रहित जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई थी।बीते 1 जून को खतौनी में ऑनलाइन गीडा का नाम दर्ज हो गया।
मंगलवार को गीडा कार्यालय पहुंचे रामगति ने सीडीओ गीडा को पत्र देकर अपनी जमीन ना बेचने का दावा किया। उन्होंने बताया कि जमीन के एवज विभाग से दिए गए रुपए भी उन्हें नहीं मिले है। इस दौरान विभाग ने मौजूदा रजिस्ट्री के अभिलेख जांच गए। रामगती ने बताया कि अभिलेख में लगे फोटो भी उनकी नहीं है। रामगति को बुधवार को जांच के लिए कार्यालय बुलाया गया है।
रिश्तेदारों की पूछ ताछ से खुली पोल
सहजनवा रामगती यादव पढ़े-लिखे नहीं है ।भाई कोदई तथा पुरई के खाते में गीडा की तरफ से दी गई मुआवजे की राशि पहुंच गई। इनकी भनक रिश्तेदारों को लगी, तो वह रामगति से भी मुआवजे को लेकर पूछताछ करने लगे। रामगती ने जमीन की रजिस्ट्री से इनकार किया, तो रिश्तेदारों ने ऑनलाइन खतौनी निकाली । उसमें गीडा का नाम दर्ज मिला।
शिकायत पर होगी जांच: तहसीलदार: सहजनवा:
तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा ने कहा कि शिकायत आती है ,तो जांच कराई जाएगी ।उपनिबंधक कार्यालय से मिले प्रमाणित बैनामा के आधार पर ही खतौनी में नाम दर्ज किया गया है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी गिड़ा संजीव रंजन का कहना है कि ‘किसान राम ज्योति उर्फ गति ने शिकायत की है। बुधवार को मामले की जांच की जाएगी फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ केस दर्ज होगा।