New President of India: भारत में 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शाम 5 बजे तक खत्म हो गया। वोटिंग में कुल 4800 निर्वाचित सांसद और विधायकों ने हिस्सा भी लिया। 27 दलों के समर्थन के साथ द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी रहा है। वहीं अगर देखा जाए तो सिर्फ 14 दलों के समर्थन के साथ सिन्हा को करीब 3.62 लाख वोट मिलने की आशा जताई जा रही है। रिजल्ट 21 जुलाई को आएगा।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (ram nath kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई साल 2022 को खत्म हो रहा है. 8 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव हो चुके है और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति भी मिल जाएंगे. 29 जून नामांकन की आखिरी तारीख थी।
सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शान्ति की घोषणा करने वाला भी होता है। वह देश के प्रथम नागरिक भी हैं। भारतीय राष्ट्रपति का भारत का नागरिक होना भी आवश्यक है।
अनुच्छेद 52 के मुताबिक भारत का एक राष्ट्रपति होगा। भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्वोच्च पद पर राष्ट्रपति की नियुक्ति चुनाव के द्वारा ही होती है। संसद के दोनों सदनों और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है। यह चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा ही होता है। इसका कार्यकाल पद ग्रहण करने से लेकर 5 वर्ष तक का होता है। प्रायः कार्यकाल के पूरा हो जाने के पूर्व ही अथवा 6 माह के अंदर में राष्ट्रपति का चुनाव संपन्न होना चाहिए। नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण करने तक पुराना राष्ट्रपति ही कार्य करता रहता है।
तो चलिऐ नजर डालते हैं भारत के इतिहास पर। 15 अगस्त सन् 1947 को भारत ब्रिटेन से स्वतन्त्र हुआ था और अन्तरिम व्यवस्था के तहत देश एक राष्ट्रमण्डल अधिराज्य बन गया। आजादी से पहले भारत के आखरी ब्रिटिश वाइसराय लॉर्ड माउण्टबेटन ही भारत के पहले गवर्नर जनरल बने थे। बहुत जल्द ही उन्होंने चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को यह पद सौंप दिया, जो भारत के इकलौते भारतीय मूल के गवर्नर जनरल बने थे।
इसी बीच डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में ही संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर सन् 1949 को भारतीय संविधान का मसौदा तैयार भी हो चुका था और 26 जनवरी सन् 1950 को औपचारिक रूप से संविधान को स्वीकार भी किया गया था। इस तिथि का प्रतीकात्मक महत्व था क्योंकि 26 जनवरी सन् 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटेन से पहली बार पूर्ण स्वतन्त्रता को आवाज दी थी।
जब संविधान लागू हुआ और डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति का पदभार संभाला तो उसी समय गवर्नर जनरल और राजा का पद एक निर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा प्रतिस्थापित भी हो गया। भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू ने तर्क दिया की यदि कोई भी राष्ट्र ब्रिटिश सम्राट को “राष्ट्रमण्डल के प्रधान” के रूप में स्वीकार करे, पर यह आवश्यक नहीं है कि वह ब्रिटिश सम्राट को अपने राष्ट्रप्रधान की भी मान्यता दे, उसे राष्ट्रमण्डल में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह एक बहुत जरुरी फैसला किया। जिससे 20 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में नए-स्वतन्त्र गणराज्य बने कई अन्य पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों के राष्ट्रमण्डल में रहने के लिए नई मिसाल भी कायम की।
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New President of India, राष्ट्रपति को भारत के संसद के दोनो सदनों लोक सभा और राज्य सभा तथा साथ ही राज्य विधायिकाओं विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा 5 वर्ष के लिए चुना जाता है। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के अनुसार ही आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है। वोट जमा करने के लिए एक फार्मूले का इस्तेमाल किया गया क्योकि हर राज्य की जनसंख्या और उस राज्य से विधानसभा के सदस्यों द्वारा मत डालने की संख्या के बीच एक तुलना बनी रहें।
New President of India, राज्य विधानसभाओं के सदस्यों और राष्ट्रीय सांसदों के बीच एक समानुपात बना रहे। अगर किसी उम्मीदवार को बहुमत प्राप्त नहीं होता है तो एक स्थापित प्रणाली है जिससे हारने वाले उम्मीदवारों को प्रतियोगिता से हटा भी दिया जाता है और उनको मिले मत अन्य उम्मीदवारों को तबतक हस्तान्तरित होता है, जब तक किसी एक को बहुमत नहीं प्राप्त हो जाता।