Fragrant Health Tips: गंध से आप तो सभी परिचित होंगे, आपने यह अक्सर देखा होगा कि जब आप किसी नाले या सड़ी गली वस्तुओं के ढेर के पास से गुजरते हैं। तो उससे आने वाली गंध आपको इतना परेशान करती है कि आपको मजबूरन अपनी नाक बंद करनी पड़ती है। या कुछ समय के लिए सांस रोकनी पड़ती है, वहीं जब आप किसी स्थान बाग बगीचे के पास से या किसी मिठाई की दुकान या किसी धार्मिक स्थल के पास से गुजरते हैं। तब वहां से आने वाली गंध आपको बहुत अच्छा महसूस कराती है। और आपको ऐसा लगता है, कि आपको वहां पर काफी देर तक ठहरना चाहिए।
क्या कभी आपने सोचा है, कि यह दो अंतर क्यों होते हैं। तो आपको बता दें, कि शरीर और स्वास्थ्य का गंध से बहुत गहरा जुड़ाव होता है, एक और दुर्गंध शरीर के लिए तमाम बीमारियों की वजह बन जाती है। तो वहीं सुगंध शरीर को स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
इस संदर्भ में आज हम आपको विस्तृत जानकारी देने वाले हैं, आप सभी इसे ध्यान से पढ़ें और समझें..
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आगे बढ़ने से पहले हम आपको यह बता दें, कि गंध चाहे वह सुगंध हो या दुर्गंध, इससे मनुष्य के शरीर का कौन सा हिस्सा प्रभावित होता है, वैद्य हरि कृष्ण पांडे की एक रिसर्च के मुताबिक, गंध से रक्त त्वचा और मनुष्य का मस्तिष्क प्रभावित होता है। अतः अगर आप अपने रक्त अपनी त्वचा तथा मस्तिष्क को मजबूत तथा आरोग्य रखना चाहते हैं। तो आपको अपने आसपास का वातावरण सुगंध में अथवा कम से कम दुर्गंध युक्त रखना होगा।
यह भी ध्यान रहे कि यहां पर प्राकृतिक सुगंध की बात की जा रही है। ना की किसी कृत्रिम सुगंध की, क्योंकि कृत्रिम सुगंध केमिकल युक्त होती है। जो मानसिक तनाव का कारण बनती है। अतः आसपास का वातावरण प्राकृतिक सुगंध युक्त हो अथवा कम से कम दुर्गंध मुक्त हो।
वातावरण को सुगंधित रखने की तकनीक में फूलों का खास महत्व है, आपको पता होगा कि प्राचीन काल में राजा महाराजा सुगंधित फूलों और जड़ी बूटियों से युक्त जल से स्नान किया करते थे। तथा अपने घरों के आसपास बड़े बगीचों का निर्माण भी करते रहते थे। इसकी वजह यह है, कि वातावरण की शुद्धता और गुणवत्ता में फूलों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। और आज भी है। इन फूलों में रात की रानी दिन का राजा चमेली पारिजात ब्रह्मकमल चंपा जूही बेला और गुलाब इत्यादि का प्रमुख रूप से प्रयोग होता था।
जब हमारे वातावरण में इन पुष्पों को जगह मिलती है। तो इनके गुण धर्मों का प्रभाव हमारी चपाचय क्रिया पर पड़ता है। इससे पाचन शक्ति मजबूत होती है। अतः हम सभी को अपने आसपास की जगहों में इन फूलों को थोड़ी सी जगह जरूर देनी चाहिए।
रात की रानी फूल से आप सभी परिचित होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी आप इसे बड़ी मात्रा में पा सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है, कि रात की रानी का महत्व क्या है। अगर स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए। तो रात की रानी में पाया जाने वाला एंटीबैक्टीरियल गुण सर्दी जुखाम और साइनस की समस्या में राहत दिलाता है।
इसके अलावा सिर दर्द में भी इसके पत्तों को पीसकर सिर पर लेप लगाया जाता है। जिससे बहुत फायदा मिलता है। इसके अलावा रात की रानी की खुशबू नकारात्मकता को दूर करती है। तथा मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं।
अब अगर बात चमेली के पुष्प की करें। तो आपको बता दें, कि मानसिक तनाव को दूर करने और स्वभाव को शाम में बनाने के लिए चमेली के फूलों की सुगंध का सहारा लेना चाहिए, अगर आपके आसपास चमेली की फूलों की उपलब्धता है। तो इसका असर आपके मस्तिष्क और स्वभाव पर जरूर पड़ेगा। आपका मस्तिष्क स्वतंत्र महसूस करेगा तथा स्वभाव भी शान्त में बनेगा।
बेला और चंपा के फूल भी स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत लाभदायक है। इनकी महक दिमाग को नई ताजगी प्रदान करती है। तथा दिमाग को सेहतमंद रखने में मददगार होती है, चंपा के फूलों का तेल लगाने और उसके फूलों की सुगंध से सिर दर्द में काफी हद तक राहत मिलती है।
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ब्रह्म कमल का पुष्प भी ऐसे ही महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक है, और यह सर्दी जुखाम और थकान को मिटाने में सहायक होता है। आज के समय में जब चारों ओर बीमारियों की एक बाढ़ सी है। ऐसे में अपने आसपास के वातावरण को प्राकृतिक सुगंध युक्त करके इन साधारण बीमारियों से बचा जा सकता है। अतः अपने आसपास पुष्पों को थोड़ी सी जगह जरूर दी जानी चाहिए।