Energy Crisis: केंद्र सरकार ने 13 आयातित कोयला आधारित Power Plants Company को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में ऊर्जा मंत्रालय यानी कि पावर मिनिस्ट्री ने उनकी जरूरत का कम से कम 10 फ़ीसदी कोयला आयात करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में साफ तौर पर यह लिखा है कि मौजूदा समय में बिजली की मांग 20 प्रतिशत तक बढ़ी है तथा घरेलू कोयले की पूर्ति को भी बढ़ाया गया है। लेकिन मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए वो पर्याप्त नहीं है।
हालांकि मंत्रालय ने पावर जनरेशन कंपनियों को लिखी चिट्ठी में इसी बात की आशंका जताई है कि आने वाले समय में हालात बहुत गंभीर हो सकते हैं। ऊर्जा मंत्रालय की ओर से पहली बार कोयला संकट को लेकर यह चेतावनी जारी की गई है।
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Energy Crisis मंत्रालय की ओर से इन कंपनियों के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। इन कंपनियों में आयातित कोयले से बिजली बनाने वाली अदानी समूह तथा टाटा समूह की बड़ी कंपनियां भी शामिल है। वहीं पर इकाॅनिमिक्स टाइम की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने बिजली अधिनियम की धारा 11 को भी लागू कर दिया है। हालांकि सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है।
इसके लागू होने का मतलब यह है कि सभी आयातित कोयले से चलने वाले प्लांट्स को अब पूरी क्षमता के साथ ही ऊर्जा पैदा करनी होगी। गुरुवार की देर रात को इस आदेश को जारी किया गया। ऐसे वक्त पर लागू किया गया है जब गर्मियों के महीने में बिजली की मांग 220 गीगावॉट तक पहुंच गई है।
वहीं पर रेलवे ने भी ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की महत्वपूर्ण आपूर्ति की कमी से निपटने के लिए पूरे देश के कोयला रेक की आवाजाही को प्राथमिकता देने के लिए 42 यात्री रेल गाड़ियां भी रद्द कर दी हैं। गुरुवार को रेलवे ने इसकी जानकारी दी। हालांकि इनमें से 40 रेलगाड़ियां 24 मई तक ही रद्द रहेंगी। बाकी 2 को 8 मई तक बहाल कर दिया जाएगा। बीते कुछ हफ्तों में कोयला रेक की आवाजाही को प्राथमिकता देने वाली रेलवे ने अपने 86 फ़ीसदी खाली रेक को बिजली प्लांट के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने में भी लगा दिया है।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया है कि रद्द रेलगाड़ियों की कुल संख्या 40 है। जिसमें पहले से रद्द रेल गाड़ियां भी शामिल है। हालांकि कुछ रद्द फेरों की संख्या 1081 है, वह 24 मई तक रद्द रहेंगे। उन्होंने कहा है कि यद्यपि सबसे ज्यादा 34 प्रभावित रेलगाड़ियां दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन की है। उत्तर रेलवे ने 8 रेलगाड़ियां रद्द की है। इनको 8 मई तक फिर से शुरू कर दिया जाएगा। कोयले को बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने की कवायद के अंतर्गत 26 मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियां भी प्रभावित हुई है। जिसमें शोले विशेष यात्री रेल गाड़ियां या फिर मेन्यू शामिल है।
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बिजली मंत्रालय ने गुरुवार को यह कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडीशा, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल में अपने ताप विद्युत संयंत्रों को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ना तो अब तक कोई निविदा जारी की है और ना ही कोई खास कदम उठाया है। मंत्रालय ने एक बयान में राजू को मिश्रण के लिए कोयले का आयात करने की सलाह दी जिसकी वजह से इसी महीने बिजली संयंत्र तक कोयला पहुंच सके।
बता दें कि Energy Crisis की समीक्षा के लिए बिजली मंत्री आरके सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह बताया गया है कि राजस्थान तथा मध्य प्रदेश कोयला आयात की निविदा जारी करने की प्रक्रिया में है।