Ahmedabad Plane Crash
Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में एक भारतीय विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना में सुबह विमान में सवार एक यात्री को छोड़कर सभी की मौत हो गई। उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद विमान आग का गोला बन गया। लंबी दूरी की उड़ानों में लाखों लीटर ईंधन होता है जो विमान को जला सकता है।
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12 जून और गुरुवार का दिन कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। क्योंकि इस दिन अहमदाबाद में भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और भयानक विमान हादसा हुआ था। अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड में आग का गोला बन गया और इस दुर्घटना में विमान में सवार 1 यात्री को छोड़कर सभी की मौत हो गई। इस फ्लाइट में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे, जिनका भी निधन हो गया है। फ्लाइट में सुबह 1 व्यक्ति को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि बाकी की पहचान नहीं हो पाई है। शव टुकड़ों में कटे हुए हैं, जबकि कुछ जलकर राख हो गए हैं।
अहमदाबाद में हुए हादसे के बाद लोगों के मन में फ्लाइट्स को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इनमें से एक सवाल यह भी है कि बड़ी फ्लाइट में फुल टैंक कहां होता है और अगर किसी वजह से आग लग जाए तो किस सीट पर यात्रियों को सबसे ज्यादा खतरा होता है? तो आइए आपको बताते हैं कि इन दो सवालों का जवाब क्या है।
Ahmedabad Plane Crash का जिम्मेदार कौन, क्यों हुआ इतना बड़ा हादसा
लंबी दूरी की उड़ानों में बड़ी मात्रा में ईंधन की जरूरत होती है। बड़े विमानों में लाखों लीटर ईंधन भरा जाता है। हालांकि, उड़ान के दौरान ईंधन मुख्य बॉडी में स्टोर नहीं किया जाता है। ईंधन विमान के दोनों पंखों में स्टोर किया जाता है। क्योंकि विमान का इंजन भी पंख में ही लगा होता है। इस व्यवस्था की वजह से ईंधन इंजन तक जल्दी पहुंचता है। पंखों में ईंधन होने की वजह से विमान का वजन भी कम होता है। अगर मुख्य बॉडी में लाखों लीटर ईंधन भरा जाए तो विमान का संतुलन बिगड़ सकता है। अगर दोनों पंखों में ईंधन हो तो संतुलन बना रहता है।
अगर फ्लाइट् दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है या उसमें आग लग जाती है, तो सभी यात्रियों को खतरा होता है। लेकिन जब आग लगने की स्थिति में सबसे खतरनाक सीटों की बात आती है, तो पंखों या इंजन के सबसे करीब वाली सीटें सबसे ज़्यादा जोखिम में होती हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आप फ्लाइट् के सबसे पीछे या सबसे आगे बैठते हैं, तो जोखिम थोड़ा कम होता है।