Dangerous Diseases: हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम में शुरू-शुरू में किसी भी तरह का कोई लक्षण नजर नहीं आता है। अगर हमारी बॉडी इसके होने का सिग्नल देती भी है तो, हम इसे नॉर्मल समस्या समझकर इग्नोर भी कर देते हैं।
लेकिन इन सिग्नल्स को नजरअंदाज करना हमारे लिए जानलेवा (Dangerous Diseases) तक साबित हो सकता है। इसलिए ये जानना भी बेहद जरूरी है कि वह कौन से सिग्नल्स है, जो हो सकते हैं हाई ब्लड प्रेशर जैसी प्रॉब्लम की शुरुआत ?
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अगर आपको अक्सर तेज सिर दर्द होता है, तो हो सकता है कि आपका ब्लड प्रेशर हाई हो। हलांकि सिर दर्द होने के और भी कई कारण हो सकते हैं। इसलिए समय से इसका इलाज जरूर करवाएं, जिससे इसका सही कारण पता चल सके।
अगर आपको घर का काम या फिर ऑफिस (Office) का काम करने में दिक्कत आ रही है, तो इसके पीछे का कारण हाई ब्लड प्रेशर भी हो सकता है। बिना कुछ किए भी थकावट महसूस होती है तो, तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
अगर हाई ब्लड प्रेशर का इलाज न कराया जाए, तो इससे आंखों की रोशनी पर भी गहरा असर पड़ सकता है, जिससे आंखों की तकलीफ शुरू हो सकती है और धुंधला दिखने की समस्या हो सकती है।
जब हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, तो सांस फूलना या सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी भी अक्सर होती हैं. यह हाइपरटेंशन (Hypertension) के सबसे आम लक्षणों में से एक है।
नाक से खून आना न सिर्फ साइनसाइटिस या लगातार नाक बहने के कारण होता है, बल्कि तब भी होता है, जब ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो. इसलिए ऐसा होने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
जब ब्लड प्रेशर हाई (High) होता है, तो सीने में दर्द जैसी दिक्कत भी हो सकती है। तो इस लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। इस लक्षण को इग्नोर (Ignore) करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
बीपी (B.P) से बॉडी के इन पार्ट्स पर पड़ सकता है इफैक्ट (Effect) हाई ब्लड प्रेशर के ज्यादातर मरीजों में सालों तक कोई लक्षण नजर ही नहीं आते हैं।
धीरे-धीरे जब ये परेशानी बढ़ने लगती है तो चक्कर आना, नाक से खून बहना जैसी प्रॉब्लम होने लगती है, लेकिन इन लक्षणों को इग्नोर करना हमारी बॉडी के कई पार्ट्स को इंफेक्ट कर सकते हैं जैसे
हाई ब्लड प्रेशर आंखों के पिछले हिस्से यानी रेटिना की अंदरूनी परत को डैमेज (Damage) कर सकता है। अगर रेटिना में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो ये हाई ब्लड प्रेशर का लक्षण है, इसे पहचानें, क्योंकि इससे आंखों की रोशनी पर असर पड़ सकता है।
धमनियों में रेजिस्टेंस (Resistance) के बढ़ने व वाहिकाओं के सिकुड़ने की वजह से हार्ट को ब्लड पंप करने में कई बार बहुत ज्यादा मेहनत भी करनी पड़ती है। इससे दिल की मांसपेशियां मोटी होकर कड़ी हो जाया करती हैं।
इसके साथ ही हार्ट का बायां हिस्सा भी धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है, जिसके कारण ब्लड पंप करने में परेशानी आती है जो हार्ट फेल्योर (Heart Failure) की वजह बनता है।
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अगर आप इन खतरनाक बीमारियों (Dangerous Diseases) से बचना चाहते है तो इन छोटे छोटे उपाय को अपनाकर आप भी स्वस्थ रह सकते है
● हाई बीपी से बचने के लिए डाइट में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर चीजो का ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए।
● केला केले पोटेशियम, फाइबर और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं, जो बीपी के लेवल को कम रखने में मदद करता है।
● अनार यह एसीई, जो एक एंजाइम है, को कम करने में मदद करता है, जो रक्त वाहिकाओं के आकार को नियंत्रित करता है, जो बीपी को कम करता है।
● आमः आम, फाइवर, बीटा कैरोटीनी और पोटेशियम का बड़ा स्वोत होता है, जो बीपी को कम करने में कारगर है। गर्मी के मौसम में आम का शेक, स्मूदी मिठाई बनाकर या फिर इसे सीधे काट कर खाया जा सकता है।
स्ट्रॉबेरीज: यह फल एथोसायनिन (एक एटीऑक्सिडेट), विटामिन सी, पोटेशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरा होता है, जो हाई बीपी को कम करने में मदद करता है।
● पालक, चुकंदर और अदरक इस तरह की सब्जियों में नाइट्रेट होता है। जो पाचन के बाद नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते है। नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को शिथिल और विस्तारित करके बीपी को कम करता है।
● दही यह पोटेशियम और कैलिशयम से भरा हुआ होता है, जो हाई बीपी के जो हाई बीपी के जोखिम को कम करता है।
● नारियल पानीः नारियल पानी न सिर्फ शरीर को हाइड्रेट करता है, बल्कि नैचुरल डियूरेटिक की तरह काम भी करता है। यह इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखते हुए बीवी को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।