Chaina Army: नई रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सैनिकों को अन्य देशों में युद्ध के अभ्यास के अलावा दूसरे कामों जैसे प्राकृतिक आपदा में सहायता, मानवीय सहायता देने के अलावा चीन की सुरक्षा, प्रभुसत्ता और हितों की सुरक्षा के लिए तैनात किये जाने की संभावना है.
चीन देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा 13 जून को एक निर्देश पर हस्ताक्षर किए गए जिसके तहत Chaina Army को दूसरे देशों में भी तैनात किया जा सकेगा. निर्देश के मुताबिक चीनी सैनिकों को दूसरे देशों में युद्ध के अलावा दूसरे कामों जैसे आपदा में सहायता, मानवीय मदद देने के अलावा चीन की सुरक्षा, प्रभुसत्ता और हितों की हिफ़ाज़त के लिए तैनात किया जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस आदेश का पहला इस्तेमाल पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में किया जा सकता है.
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चीन ने पाकिस्तान मुल्क में अरबों डॉलर का निवेश किया है जो पाकिस्तान में अशांति के कारण खतरे में पड़ता हुआ नजर आ रहा हैं. ये निवेश कई परियोजनाओं जैसे बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह बनाने और उसके पास चीनी सैनिको के लिए बस्ती बनाने के लिए किया गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने सबसे ज्यादा पैसा चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC पर लगाया है. इसके तहत चीन अपनी ऊर्जा की सप्लाई हिंद महासागर के लंबे और खतरनाक रास्ते के बजाए पाकिस्तान से सीधे अपने मुल्क लाना चाहता है. इसके लिए चीन ने हिमालय को पार करने वाली सड़कें और रेलें भी बनाई हैं.
यह कॉरिडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) से गुज़र कर जाता है जिसपर भारत देश अपना दावा करता है. भारतीय संसद बहुत पहले ही इसकी घोषणा भी कर चुकी है कि POK भारत का अमूल्य हिस्सा है. चीनी कॉरिडोर पाकिस्तान से होते हुए POK के खुंजेराब दर्रे से होकर चीन के जिनजियांग प्रांत को जाता है.
अगर भारत ने POK पर कब्जा कर लेता है तो चीन को न केवल भारी नुकसान उठाना होगा बल्कि उसकी सप्लाई लाइन भी कट जाएगी. चीन ने खुंजेराब दर्रे के पास साल 2021 में एक फाइटर बेस बनाकर इस दबाव को कम करने की जाहिरी कोशिश की है. चीनी सैनिक पहले भी इस इलाके में देखे जा चुके हैं, लेकिन इस आदेश के जारी होने के बाद उनके लिए POK में किसी भी अभियान को रोकने के लिए तैनाती का संवैधानिक अधिकार उनके पास होगा.
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आपको बताते चले कि खतरा सिर्फ भारत से नहीं है. पाकिस्तान के अंदर भी बलूच और पश्तून आंदोलनजीवी इस चीनी प्रोजेक्ट्स से नाराज दिख रहे हैं. उनका मानना है कि चीन इन प्रोजेक्ट्स के जरिए पाकिस्तान के संसाधनों को ख़ुफ़िया तरीके से लूट रहा है,और पाकिस्तान को आर्थिक गुलामी की तरफ धकेल रहा है.
चीनी प्रोजेक्ट्स और उसमें वर्क कर रहे चीनी कर्मचारियों पर कई बार हमले भी हो चुके हैं,और इनमें कुछ चीनी नागरिकों की जान भी जा चुकी है. हालांकि चीन के प्रोजेक्ट्स की हिफ़ाज़त के लिए पाकिस्तानी सेना की दो नई डिवीज़न गठित की गई हैं जिनके खर्च का जिम्मा चीन ने उठाया है. लेकिन चीन को अपनी सुरक्षा में पाकिस्तान की सेना पर बिल्कुल भरोसा नहीं है. इस नए आदेश के जारी होने के बाद चीन के सैनिक पाकिस्तान में चीनी प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा के लिए कभी भी तैनात किए जा सकते हैं.