Pakistan Crisis: दाने–दाने को तरस रहा पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर, महंगाई पहुंची 50 साल के शीर्ष स्तर पर

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Pakistan Crisis: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आवाम को भूखों मरने की नौबत आ गई है । रोजमर्रा की खाने पीने की चीजों के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने से पड़ोसी मुल्क बदहाल है । आलम ये है कि सत्तासीन शाहबाज शरीफ सरकार को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है ।

जहां एक तरफ आवाम में महंगाई बम फूट पड़ा है तो वहीं शाहबाज शरीफ सरकार विदेशी मुद्रा बचाए रखने की कोशिश में अध्यादेश लाने को तैयारी में है जिससे रोज की जरूरतों का सामान सस्ता होने के बजाय और महंगा होने के आसार हैं । जहां एक तरफ जनता में त्राहि त्राहि मची हुई है तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी सरकार को कोई उपाय नहीं सूझ रहा। महंगाई में बेतहाशा वृद्धि से पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है ।

दूध 150 रुपए लीटर, आटा 120 रुपए किलो,चावल के दाम पहुंचे 200 रुपए किलो

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पाकिस्तान में महंगाई चरम स्तर पर पहुंच गई है । खाने पीने की वस्तुओं के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है । जहां एक तरफ शाहबाज सरकार आईएमएफ(अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष) से कर्ज लेने की भीख मांग रहा है वहीं दूसरी तरफ रोजमर्रा की चीजों के दाम घटने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं ।

पाकिस्तान में इस वक्त चावल 200 रुपए किलो बिक रहा है जबकि दूध के दाम भी 150 रुपए प्रति लीटर पर जा पहुंचे हैं । इतना ही नहीं आटा 120 रुपए किलो, आलू 70 रुपए किलो, टमाटर 130 रुपए किलो तक जा पहुंचा है । इसके अलावा पेट्रोल के दाम भी खतरनाक स्तर तक जा पहुंचे हैं । पाकिस्तान में पेट्रोल इस वक्त 250 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है ।

पेमेंट न होने से नहीं हो पा रही जरूरी सामानों की आपूर्ति

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दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार न्यूनतम स्तर तक जा पहुंचा है । हालत ये है कि पाकिस्तान (Pakistan Crisis) के पास विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign exchange reserves) 3 अरब डालर से भी कम आ पहुंचा है जिसकी वजह से वहां की सरकार रोजमर्रा की चीजों को आयात करने की हालत में नहीं है ।

बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 साल के न्यूनतम स्तर पर है और कितना विदेशी मुद्रा भंडार बचा है उससे सरकार एक महीने का राशन भी आयात नहीं कर पाएगी । यही वजह है कि बंदरगाहों में पेमेंट न होने से माल फंसा पड़ा है ।

आईएमएफ से कर्ज लेने के बाद भी नहीं घटेगी महंगाई

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जहां एक तरफ पाकिस्तानी आवाम बढ़ी हुई महंगाई से हलकान है वहीं शाहबाज शरीफ सरकार भी दिलासा देने की बजाय कुछ और नहीं कर पा रही है । शहबाज शरीफ सरकार आईएमएफ से 1 अरब डॉलर का कर्ज मांगा है ।

हालांकि यह कर्ज अब तक उसे मिला नहीं है , आईएमएफ इस पर विचार कर रहा है। इधर आईएमएफ ने कर्ज देने के बदले सरकार को कुछ शर्तें भी दी हैं जिन्हे सरकार अध्यादेश द्वारा पारित करवाने की बात कर रही है । हालांकि जानकारों की मानें तो इससे भी महंगाई कवर होने वाली नहीं है और देश की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने के साथ ही देश में गृह युद्ध जैसे हालात भी पैदा हो रहे हैं ।

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महंगाई पहुंची 50 साल के शीर्ष स्तर पर

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जरूरी चीजों की किल्लत,बढ़ती महंगाई और सरकार के खाली होते खजाने ने देश में अफरा तफरी का माहौल पैदा कर दिया है । महंगाई हर रोज बढ़ रही है और यह अब 50 साल के शीर्ष स्तर पर जा पहुंची है । वहीं पाकिस्तानी रुपया भी डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है । इस वक्त डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 275 पर है । भीषण होते हालातों के बीच महंगाई में 27 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है ।

इमरान खान ने महंगाई को लेकर सेना पर साधा निशाना

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तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के कभी अजीज रहने वाली पाकिस्तानी सेना और जनरल बाजवा के बीच रिश्तों में इन दिनों खटास देखने को मिल रही है । बढ़ती महंगाई को लेकर इमरान खान शरीफ सरकार पर हमलावर होने के साथ ही साथ सेना पर भी निशाना साध रहे हैं । वहीं अब पाकिस्तानी फौज के खिलाफ भी आवाम से विरोध की लहरें उठने लगी हैं और बढ़ती महंगाई का जिम्मेदार फौज को बताया जा रहा है । बता दें कि कभी फौज और जनरल बाजवा के मुरीद रहे इमरान खान इन दिनों फौज के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं ।

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