Ankita Singh: झारखंड के दुमका में नाबालिग लड़की अंकिता को जलाकर मार देने की घटना बहुत ही वीभत्स और नृशंस है। Shahrukh नाम का लड़का का Ankita Singh को पसंद करने लगता है। उसे फ्रेंडशिप का ऑफर देता है। वहीं अंकिता बार-बार उसके ऑफर को रिजेक्ट करती है। लेकिन एकतरफा प्यार में पागल इस सरफिरे आशिक में अंकिता के साथ कुछ ऐसी हरकत कर दी जिसे सोचकर भी हमारी रूह कांप जाती है। पहले तो इस शाहरुख नाम के लड़के ने दोस्ती का ऑफर देकर अंकिता की जिंदगी में जहर घोल दिया और जब वह नहीं मानी तो सोती हुई अंकिता को पेट्रोल छिड़ककर जला कर मार दिया।
एक मासूम सी लड़की जिसने अभी पूरी दुनिया भी नहीं देखी थी, उसका इस प्रकार से अंत बहुत ही पीड़ादायक है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इन सब चीजों की शुरुआत कैसे और कब हुई?
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17 साल की Ankita Singh गर्ल्स हाई स्कूल में 12वीं में पढ़ती थी। अंकिता बड़ी होकर पुलिस ऑफिसर बनना चाहती थी. अपना और घर का खर्च चलाने के लिए ट्यूशन पढ़ाती थी और हर महीने एक हजार रुपये कमा लेती थी। वहीं अंकिता के पिता की आमदनी भी रोजाना महज 200 रुपये ही थी। Ankita Singh के बचपन में ही उसकी मां की कैंसर की वजह से मौत हो चुकी है। उनके इलाज में ही परिवार को सारी जमीन संपत्ति बेचनी पड़ी थी। अंकिता का छोटा भाई फिलहाल छठी कक्षा में है।
यह दुखदाई घटना हुई थी 23 August, 2022 को 28 August,2022 को अंकिता ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। Ankita Singh के पिता का कहना है कि अगर उनकी बेटी की सही वक्त पर देखभाल होती तो आज वह जिंदा होती।
झारखंड के दुमका में हुई हाल की घटनाओं से कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर महिलाओं को अपराधी लगातार निशाना बना रहे हैं। अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए दुमका समेत पूरे देश भर में सभी धर्मों के लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। इस घटनाक्रम के साथ ही लोगों को निकिता तोमर की याद आ गई जिसके दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई है। हत्यारे तौसीफ ने खुलेआम गोली मारकर निकिता तोमर की हत्या की थी।
26 मार्च 2021 में हरियाणा के फरीदाबाद की एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने सनसनीखेज निकिता तोमर हत्या मामले में दो दोषियों, तौसीफ और रेहान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
निकिता तोमर हो या फिर अंकिता या या कोई अन्य लेकिन इस घटना से हमें यह समझ में आता है कि ” Right to say “NO” इंडिया में लगता ही नहीं है। अगर कोई लड़की इंकार करती है तो रिजेक्शन होने पर कोई भी लड़का आकर गोली मार देगा या पेट्रोल से जला देगा या और कुछ कर देगा। इन सभी घटनाओं को रोकने के लिए हमें हमारे देश में एक ऐसा कानून चाहिए जो ऐसे रोमियो को या फिर महिला पर हिंसा अत्याचार करने वाले लोगों पर अंकुश लगा पाए।
निकिता ने अपना जो ऑफिशल स्टेटमेंट रिकार्ड करवाया है उसमें कहा कि यह शाहरुख नाम का लड़का पिछले कई दिनों से उसे लगातार फोन करके परेशान कर रहा था। शाहरुख को लगातार अंकिता को और उसके घर वालों को जान से मार देने की धमकी दे रहा था। Ankita Singh ने अंकिता के पिता ने अपनी बेटी को आश्वासन दिया था कि वह अगले दिन शाहरुख के घर वालों से बात करेंगे लेकिन उससे पहले ही अंकिता के साथ ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई।
Ankita Singh को शाहरुख की धमकी से डरने की जरूरत थी ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अगर हम कुछ आंकड़ों पर नजर करें तो साल 2020 में करीब 1443 मर्डर हुए थे जिसके पीछे वन साइडेड लव अफेयर शामिल थे। साल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 1566 पहुंच गया। साथ ही 13.4 % लड़कियों की किडनैपिंग के पीछे वन साइड लव अफेयर्स ही जिम्मेदार होता है। सीधी सी बात है कि अगर किसी लड़की ने “ना” कहा तो यहां तो उसे किडनैप कर लिया जाएगा या उसे जान से मार दिया जाएगा यही हमारे देश की सच्चाई है।
2001 से 2017 की बात की जाए तो लव अफेयर्स को लेकर मर्डर के मामले 28 फ़ीसदी तक बढ़ चुके हैं। 2018 से लेकर 2020 की बात करें तो देश भर में 386 मामले एसिड अटैक्स के हुए हैं।
Ankita Singh को जिंदा जलाने वाले आरोपी शाहरुख के लिए लोगों में भारी आक्रोश है। लोग लगातर हत्यारे शाहरुख को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच शाहरुख ने ऐसी हरकत की है, जिससे लोगों में उसके प्रति और गुस्सा बढ़ गया हैं। इस दिलदहलाने वाली वारदात को अंजाम देने के बाद शाहरुख का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा हैं। इस वीडियो को देखने के बाद लोगों का गुस्सा फुट गया है
शाहरुख़ को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया और उसे जीप में बैठाने के लिए ले जा रहे हैं तब उसे अपने इस गुना पर जरा सा भी अफसोस नहीं था बल्कि वो तो हंस रहा था 4 बड़े ही दबंगई से पुलिस की जीप में बैठने जा रहा है।
जरा आप सोचें आखिर ऐसा क्यों कर रहा है। तो हम आपको बता रहे हैं कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि उसे मालूम है कि ऐसे केस मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। या तो केस को दबा दबा दिया जाता है या फिर सुनवाई ही नहीं होती है।
ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यहां आपको सरकारी आंकड़ों से बता रहे हैं। तो चलिए एक नजर ही सरकारी आंकड़ों पर करते हैं कि ऐसी घटनाएं आजकल कितनी सामान्य हो चुकी है। क्राईम अगेंस्ट विमेन की बात की जाए तो साल 2020 में यह 15% तक बढ़ चुका है। यह तो ऐसा ही हुआ कि देश भी आगे बढ़ रहा है और क्राइम अगेंस्ट वूमन भी आगे बढ़ता जा रहा है।
यह डाटा एनसीआरबी बता रहा है। साल 2020 में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और हत्या आदि के मामले 3,71, 503, थे जो साल 2021 में बढ़कर 4,28, 278 हो चुके हैं। इसमें मैरिटल रेप का गंभीर मसला भी शामिल है जो फिलहाल बढ़कर 31 फ़ीसदी तक पहुंच चुका है।
इन सभी में उत्तर प्रदेश का नंबर सबसे पहले आता है क्योंकि साल 2021 में जितने भी मामले दर्ज हुए हैं उसमें 56,083 मामले से उत्तर प्रदेश के हैं। उस बाद हमारे देश के अन्य राज्यों का नंबर आता है यहां हम किसी भी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नुक्ताचीनी नहीं कर रहे हैं बल्कि हम यह समझाना चाहते हैं कि कोई भी राज्य हो लेकिन महिलाओं की परिस्थिति एक समान ही है।
महिलाओं के नाम पर वोट लेने के लिए सभी तैयार होते हैं लेकिन जब नारी रक्षा की बात आती है तो सभी मुकर जाते हैं। एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में 2021 में रेप के मामले 16.4 फ़ीसदी बढ़ चुके हैं।
भारत में ऐसे राज्य अभी मौजूद जहां महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की कोई मामले नहीं है। यह हमारे देश के ऐसे राज्य हैं जहां एजुकेशन का स्तर ज्यादा है जहां पर लोगों में समझ है कि वह विमेन राइट क्या है। अब नागालैंड को ही ले लीजिए जहां पर महिला अत्याचार के खिलाफ काफी कम मामले दर्ज हैं। 43 में 2019, 39 में 2020, 54 में 2021। इतने कोड राजस्थान दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 1 दिन में दर्ज होते हैं।
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पिछले साल के आंकड़ों पर नजर करें तो 28000 महिलाएं ऐसी हैं जिनकी जबरन उठाकर शादी करवाई गई या की गई। यहां भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे है 2021 की बात करें तो करीब 8,599 और बिहार में 6,589 नाबालिगों की शादी करवाई गई।
अब हम बात करें अंकिता की तो Ankita Singh की मौत के बाद पॉलिटिकल पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही है। वही अंकिता के साथ जब यह घटना हुई उस बाद उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर करीब 45 मिनट बाद अस्पताल पहुंचे थे अगर डॉक्टर भी वक्त पर पहुंच जाते तो अंकिता की जान बच सकती थी।
हमारी स्थिति यह है कि हम कोई वारदात पर दो-तीन दिन तक हल्ला मचाते हैं और उसे भूल जाते हैं। अभी हम आपसे हाथरस, हैदराबाद निकिता तोमर, कठुआ या और घटनाओं के बारे में बात करेंगे तो शायद आपको याद भी नहीं होगा। अब सबसे बड़ा मुद्दा तो यह है कि ऐसी घटनाएं कब रुकेगी तो सबसे पहले तो यहां हमें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।
कई पॉलिटिकल पार्टी के नेता कह देते हैं, लड़के हैं गलती हो जाती है।” दूसरी बात कुछ लोग यह बहाना आगे धर देते हैं कि ” क्या करें आजकल की जनरेशन ही ऐसी है।”
अब यह तो इस मुद्दे का कोई समाधान नहीं हुआ क्या हम लड़कियों के रेप और अत्याचार रोकने लिए 50 से 40 साल की उम्र होने तक का इंतजार करेंगे।
दूसरी एक और मानसिकता बदलने की जरूरत है और वह है रिजेक्शन क्योंकि आजकल के लड़के को रिजेक्शन पसंद नहीं है। क्योंकि उन पर कुछ फिल्मों का ऐसा असर है कि वह यही समझते हैं कि अभी लड़की ने उसे रिजेक्ट किया तो वह उस पर एसिड फेंक देंगे या उसे मार डालेंगे।
और अंत में सबसे महत्वपूर्ण सोच जिसे हमें सबसे पहले बदलने की जरूरत है वह है कि हम हमेशा लड़कियां महिला को ही गलत करार दे देते हैं। जब कहीं भी कुछ भी होता है तो सबसे पहले हम यही सोचते हैं कि,” जरूर उस लड़की ने कुछ किया होगा, जरूर उस लड़की की कोई ना कोई गलती होगी। जरूर उसने छोटे कपड़े पहने होंगे जरूर हुआ कोई लड़के के साथ घूम रही होगी।”
ऐसी सोच रखने वालों को भी जान लेना चाहिए कि जरा Ankita Singh को तो ही देख लीजिए क्योंकि ना तो उसने छोटे कपड़े पहने थे, ना वह किसी लड़के के साथ घूम रही थी। अरे वह बेचारी तो अपने घर पर सो रही थी।
इसीलिए ही हम कह रहे हैं कि अब हमारे देश में SCAW डिविजन की आवश्यकता है। यानी कि जब भी किसी लड़की या कोई भी महिला के खिलाफ अत्याचार हो तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाए। यह डिवीजन कि हमारे देश में बहुत ही पहले लाने की जरूरत थी लेकिन इसे हम आज भी लागू कर सकते हैं।
यह डिवीजन यानी कि यह कानून अगर कोई ऐसा अपराध होता है तो उसे तत्काल तौर पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएगा और सभी गवाहों को और सबूतों के बाद फौरी तौर पर गुनेगार को सजा दी जाएगी। उम्मीद है कि Ankita Singh जैसी कई सारी लड़कियों के गुनहगारों को जल्द से जल्द सजा मिल जाए।
ऐसा नहीं है कि यह कानून लाने से महिलाओं के खिलाफ होते जा रहे अत्याचार फौरी तौर पर बंद हो जाएंगे लेकिन धीरे-धीरे करके यह कम हो जाएंगे और हमें उम्मीद है कि एक समय ऐसा आएगा कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार का प्रमाण जीरो स्तर पर पहुंच जाएगा।